Noida Pollution: पानी के छिड़काव से नहीं सुधर रही हवा, देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर नोएडा
नोएडा में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास विफल हो रहे हैं, पानी के छिड़काव के बाद भी सुधार नहीं। नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में है। शहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर रहा। ग्रेप 3 के नियमों के बावजूद निर्माण कार्य जारी हैं, जिससे स्थिति और खराब हो रही है। सेक्टर 125 में निर्माण के कारण गंभीर प्रदूषण है।
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देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना नोएडा।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सड़कों और पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव और स्प्रिंकलर करने से भी प्रदूषण का स्तर में सुधार नहीं हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण की टीम भले ही शहर में घूम-घूमकर प्रदूषण कम करने का प्रयासों में जुटी है लेकिन सभी प्रयासों में विफल हो रही है। मंगलवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 और ग्रेटर नोएडा का 364 बेहद खराब श्रेणी में रहा।
वहीं नोएडा देश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहरों में रहा। नोएडा और ग्रेनो में 23 दिनों में एक्यूआई बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। लगातार शहर की हवा स्थिति गंभीर होने के कारण लोगों ने मास्क पहनना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि प्रदूषित हवा से बचाव करने के लिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है। ग्रेप 3 की पाबंदियों के बीच निर्माण कार्यों पर लगाम कसना मुश्किल हो गया है। कंस्ट्रक्शन साइट्स पर निर्माण सामग्री खुले में ग्रीन शेड के बिखरी हुई है।
सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने बताया कि सेक्टर 1 के मुख्य मार्ग पर खुले में लगे मिट्टी के ढेर के लिए प्रदूषण विभाग को शिकायत करने के बाद भी मिट्टी के ढेर नहीं हटाए गए। कागजी कार्रवाई कर विभाग के अधिकारी मौन बैठ गए हैं। ग्रेप के नियम लागू होने के बाद भी कोई नियमों का पालन नहीं हो रहा है।
सेक्टर 125 की हवा गंभीर श्रेणी में
सेक्टर 125 का एक्यूआइ 413 गंभीर श्रेणी में दर्ज हुआ। इस सेक्टर में कंस्ट्क्सन का कार्य चलने के कारण मिट्टी की अधिकता होती है। मिट्टी वाहनों के आवागमन से हवा में बनी रहती है। इस कारण वायु गुणवत्ता बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में बनी रहती है।
बढ़ता एक्यूआई
| शहर | एक्यूआई (AQI) | श्रेणी |
|---|---|---|
| हापुड़ | 389 | बेहद खराब (Very Poor) |
| नोएडा | 373 | बेहद खराब (Very Poor) |
| ग्रेटर नोएडा | 364 | बेहद खराब (Very Poor) |
| दिल्ली | 353 | बेहद खराब (Very Poor) |
| गाजियाबाद | 349 | बेहद खराब (Very Poor) |

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