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    नोएडा में कागजी आंकड़ों में AQI कम, फिर भी प्रदूषण से फूल रहा लोगों का दम

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 09:31 AM (IST)

    Noida AQI Today: नोएडा में प्रदूषण का स्तर कागजों पर कम दिखने के बावजूद, लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े वास्तविकता से अलग हैं, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।

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    सेक्टर-16 फिल्म सिटी स्थित बहुमंजिला इमारत से खींची गई तस्वीर में स्मॉग से ढका दिखता नोएडा शहर। जागरण

    चेतना राठौर, नोएडा। शहर की हवा लगातार लाल श्रेणी में रहने के बाद बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 दर्ज किया गया। एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) में सुधार रिकार्ड और कागजी आंकड़ों में दिखा लेकिन स्माग की धुंध ने लोगों का दम फुलाया। शाम होते होते इसका असर भी दिखा। मानीटरिंग स्टेशनों के आसपास प्रदूषण नियंत्रण की गतिविधियां शाम होते ही बंद हुईं तो एक्यूआई तेजी से बढ़ा।

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    महज चार घंटे में शाम आठ बजे शहर का एक्यूआई 25 अंक बढ़कर 267 दर्ज हुआ। रिकार्ड में प्रदूषण कम दिखे इसके लिए एक्यूआई मॉनीटरिंग स्टेशन के पास तो पास पानी का छिड़काव और एंटी स्माग गन का संचालन हो रहा है।असल में शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदूषण का स्तर लाल श्रेणी (बेहद खराब) स्थिति में पहुंच रहा है। आंकडों की बाजीगरी लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है।

    सुबह से ही आसमान में प्रदूषण के साथ धुंध छाई रही। हवा की रफ्तार चार से पांच किमी प्रति घंटा दर्ज की गई। बता दें कि दिन भर प्रदूषण का स्तर में बदलाव होते रहे। सुबह 11 बजे एक्यूआइ 219, दोपहरद तीन बजे 223, शाम चार बजे 230 और रात सात बजे 257 अंक दर्ज किया गया।

    क्या कह रहे पर्यावरणविद?

    पर्यावरणविदों के अनुसार एक्यूआई में लगातार बदलाव आने का कारण मॉनिटरिंग स्टेशनों के 20 से 50 मीटर के दायरे में एंटी स्मॉग गन, स्प्रिंकरल, रोड स्वीपिंग और वाटर स्प्रिंकलर करने से स्टेशनों पर प्रदूषण कम दर्ज हो रहा है। मॉनीटरिंग स्टेशन से 100 मीटर से दूरी पर प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है।

    लोगों को प्रदूषण की असल स्थिति से दूर रखने के लिए यह एक प्रयास है। सेक्टर 116, 74, जैसे कई सेक्टरों में प्रदूषण बढ़ने के बाद नोएडा प्राधिकरण को पानी का छिड़काव करने के लिए नोटिस जारी किया था। इसके चलते बुधवार को प्राधिकरण ने शहर में जगह-जगह प्रदूषण के रोकथाम के लिए पानी का छिड़काव करना शुरू कर दिया है।

    सेक्टर-125 का मॉनीटरिंग स्टेशन रहा बंद

    सेक्टर-125 के मॉनीटरिंग स्टेशन दिनभर बंद रहा। बुधवार पूरे दिन इस क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर कितना रहा यह दर्ज नहीं हो सका।

    बोर्ड ने लगाया पांच लाख का जुर्माना

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम बुधवार को सेक्टर 142 में निरीक्षण करने पहुंची। टीम ने पाया कि सेक्टर 142 मैसर्स वन एफएनजी प्लाट 01 में निर्माण कार्य करके चल रहा है। निर्माणाधिक सामग्री खुले में बिना ग्रीन शेड से पड़ी हुई थी। नियमों के उल्लंघन पाए जाने पर बोर्ड ने कार्यवाई करते हुए पांच लाख का जुर्माना लगाया।

    मॉनिटरिंग स्टेशनों के आस पास पानी का छिड़काव करने से मशीन महज कुछ ही एरिया से प्रदूषण का आंकलन करता है। छिड़काव का असर खत्म होने के बाद मिट्टी सूख जाएगी। इससे प्रदूषण का स्तर फिर से बेहद खराब श्रेणी में आने लगेगा। शहर में इन स्टेशनों की हवा अधिक खराब श्रेणी में बनी रहती है।

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    अमित गुप्ता, पर्यावरणविद्