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    प्रदूषण पर केंद्र सख्त: नोएडा में जाम वाले इलाकों के लिए एक्शन प्लान और 50 प्रतिशत कर्मचारियों से काम का सुझाव

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 05:21 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने नोएडा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्ती दिखाई है। जाम वाले इलाकों के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही, का ...और पढ़ें

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    नोएडा में बढ़ते प्रदूषण पर सुझाव।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर समीक्षा बैठक की। नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. लोकेश एम इस बैठक में शामिल हुए। मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण को किए गए प्रयासों के बारे जानकारी ली।

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    सीईओ ने नोएडा में प्रदूषण नियंत्रण को किए गए कार्यों और योजना की प्रस्तुति दी। मंत्री ने जाम वाले क्षेत्रों का सर्वे कर एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा। मंत्री ने आनलाइन उत्सर्जन निगरानी प्रणाली 31 दिसंबर तक प्रत्येक औद्योगिक इकाइयों को लागू कराने के निर्देश दिए।

    सीधे कार्रवाई के आदेश

    निर्धारित समय पर व्यवस्था लागू नहीं करने पर संबंधित इकाई पर सीधे कार्रवाई करने के लिए कहा। मल्टीनेशनल कंपनी (एमएनसी) में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की मौजूदगी में कार्य करने की योजना को शहर में लागू करने का सुझाव दिया। मंगलवार को सुबह 10 बजे प्राधिकरण कार्यालय में एमएनसी प्रतिनिधियों के साथ प्रस्तावित बैठक में इस बिंदु पर चर्चा होगी।

    नोएडा में 11 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां और कंपनियां संचालित होतीं हैं। यहां 20 लाख से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। प्रतिदिन 15 लाख से अधिक वाहनों का आवागमन नोएडा की सड़कों पर होता है। वाहनों का धुआं और यातायात जाम शहर में प्रदूषण का सबसे बडा कारण माना जाता है।

    400 पार हुआ AQI

    नोएडा का एक्यूआइ बीते तीन दिनों से इसी वजह से 400 अंक से अधिक गंभीर श्रेणी में दर्ज हो रहा है। ऐसे में आधे कर्मचारियों के साथ कंपनियों का संचालन होता है तो सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी तो प्रदूषण का स्तर कम होगा। दिल्ली में हुई बैठक के दौरान सीईओ समेत जीएम जनस्वास्थ्य एसपी सिंह और परियोजना अभियंता आरके शर्मा भी माैजूद रहे।

    प्राधिकरण ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि शहर में प्रदूषण की स्थिति को बेहद गंभीरता से लिया गया। सड़कों पर उड़ती धूल को नियंत्रित करने के लिए स्प्रिंकलर से छिड़काव और पेडों की सफाई कराई जा रही है। प्रमुख सड़कों की सफाई मैकेनिकल स्वीपिंग से हो रही है। कराई जा रही है।

    डस्ट फ्री मशीनें खरीदने का सुझाव 

    डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर उसका वैज्ञानिक पद्धति से प्रतिदिन निस्तारण किया जा रहा है। निर्माण और तोड़फोड सामग्री के निस्तारण के लिए प्लांट संचालित है। निर्माणाधीन साइटों और भीड़भाड वाले चाैराहों पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी स्माग गन का संचालित हो रहीं हैं।

    मंत्री ने छोटी और संकरी गलियों की सफाई के लिए डस्ट फ्री मशीनें खरीदने के लिए सीईओ को सुझाव दिया। सीईओ मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एमएनसी, औद्योगिक संगठन और प्रमुख संस्थाओं के साथ बैठक करेंगे। सामूहिक सहभागिता से ही प्रदूषण को कम किया जा सकता है।