नोएडा में आवासीय प्लॉट खरीदारों की बढ़ेगी टेंशन, अथॉरिटी का नया नियम लागू
यमुना अथॉरिटी ने आवासीय प्लॉट खरीदारों के लिए नया नियम लागू किया है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नए नियमों में निर्माण संबंधी शर्तें और समय सीमा शामिल हैं। अथॉरिटी का उद्देश्य नोएडा में व्यवस्थित विकास सुनिश्चित करना है, इसलिए खरीदारों को नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
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सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। प्लॉट की रजिस्ट्री कराकर निर्माण न करने वाले आवंटियों की परेशानी दिसंबर से बढ़ सकती है। प्लॉट पर निर्माण के लिए प्राधिकरण की ओर से दी गई समय सीमा दिसंबर में समाप्त हो जाएगी। इसके बाद आवंटियों को समय विस्तार के लिए निर्धारित शुल्क देना होगा।
यीडा में 12 हजार से अधिक आवासीय प्लॉटों की रजिस्ट्री हो चुकी है, लेकिन अभी तक मात्र एक हजार आवंटियों ने ही प्लॉट पर निर्माण कर कंप्लीशन लिया है। यमुना प्राधिकरण के आवासीय सेक्टर 16, 17, 22डी, 18 व 20 में हैं। यीडा ने सेक्टर 18 व 20 में पहली आवासीय योजना 2009 में निकाली थी। दोनों सेक्टरों में प्राधिकरण अब तक 30011 प्लॉटों का आवंटन कर चुका है।
किसानों से जमीनी विवाद निपटाने के बाद यीडा ने आवंटियों को प्लॉटों पर तेजी से कब्जा दिया है। पचास प्रतिशत से अधिक 16562 प्लॉटों की रजिस्ट्री व कब्जे के लिए यीडा चेक लिस्ट जारी कर चुका है। इसमें 12 हजार ने रजिस्ट्री कराई है और एक हजार आवंटियों ने प्लॉटों पर निर्माण कर लिया है, लेकिन रजिस्ट्री के बावजूद हजारों प्लॉट अभी खाली पड़े हैं।
सेक्टरों में जमीनी विवाद के कारण सड़क, बिजली, सीवर, पेयजल आदि की सुविधाएं पूरी तरह से विकसित न हो पाने के कारण प्लॉटों की रजिस्ट्री के बावजूद यीडा ने निर्माण को लेकर सख्ती नहीं दिखाई और समय सीमा में लगातार विस्तार किया गया। आवंटियों को दिसंबर तक बिना विलंब शुल्क के लिए प्लॉटों पर निर्माण का मौका दे रखा है, इसके समाप्त होने में तकरीबन ढाई माह बचे हैं।
लेकिन आवासीय सेक्टरों में निर्माण अभी भी गति नहीं पकड़ रहा है, जबकि औद्योगिक सेक्टरों में प्राधिकरण की सख्ती के बाद औद्योगिक इकाईयों के निर्माण में तेजी आई है। औद्योगिक सेक्टरों के बाद प्राधिकरण का फोकस अब आवासीय सेक्टर की ओर होगा। रजिस्ट्री के बावजूद निर्माण न करने वाले आवंटियों पर सख्ती की जाएगी।
यीडा अधिकारियों का कहना है कि अगर आवंटी निर्धारित अवधि में प्लॉट पर निर्माण कर कंप्लीशन प्रमाण पत्र नहीं लेते हैं तो उन्हें शुल्क लेकर समय विस्तार दिया जाएगा। नियमानुसार रजिस्ट्री व भौतिक कब्जा मिलने के तीन साल में प्लॉट पर निर्माण कर कंप्लीशन लेना अनिवार्य है। इसके बाद चार प्रतिशत विलंब शुल्क के साथ एक साल का समय विस्तार मिलता है।
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