हरियाली की जगह गंदगी का अंबार, नोएडा के पार्कों की दयनीय हालत
नोएडा के सेक्टरों में पार्कों की हालत खराब है, जो प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। पार्कों में कूड़ा, सूखी घास, और टूटी बेंचें हैं। दैनिक जागरण के दौरे में ...और पढ़ें
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सेक्टर 74 के पार्क के हालात। जागरण
स्वाति भाटिया, नोएडा। नोएडा के सेक्टरों के पार्क अब सिर्फ हरी-भरी जगहें नहीं रहे। सूखी घास, कूड़े के ढेर, टूटी बेंच और खराब रास्ते इन पार्कों की खराब हालत को दिखाते हैं। जहां ये पार्क कभी बच्चों, बुज़ुर्गों और परिवारों के लिए शांति और मनोरंजन की जगह थे, वहीं अब ये प्रदूषण और सेहत के लिए खतरनाक जगह बन गए हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण ने शहर के कुछ पार्कों का दौरा किया, जहां हालात बहुत खराब दिखे।
सेक्टर 122 की सनशाइन सोसाइटी के पार्क में हर जगह कूड़े के ढेर और सूखे, धूल भरे पेड़ मिले। सेक्टर 12 के ब्लॉक B, K, O, G और F के पार्कों में भी गंदगी, सूखे पत्ते, टूटे झूले और धूल भरे पेड़ थे। सेक्टर 11 के ब्लॉक J, K और L में जलभराव, कूड़ा, गिरे हुए पेड़ और टूटे झूले मिले। सेक्टर 74 के पार्कों के हालात और भी ज़्यादा गंभीर दिखे, जहां गंदगी बहुत ज्यादा थी।
विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का कहना है कि इस लापरवाही के लिए सिर्फ़ अथॉरिटी ही ज़िम्मेदार नहीं है। सोसाइटी के प्रेसिडेंट, RWA और खुद नागरिक भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं। बहुत से लोग कूड़ा फेंकते हैं, पौधों को नुकसान पहुँचाते हैं और अपने पालतू जानवरों के बाद सफाई नहीं करते। बच्चों के खेलने के बाद कूड़ा वहीं पड़ा रहता है, जिससे पार्कों की हालत लगातार खराब हो रही है।
मैं सेक्टर 12 के G ब्लॉक में रहती हूँ। यह सच है कि हर ब्लॉक के पार्कों की ज़िम्मेदारी सबकी है, लेकिन एक-दो लोगों को छोड़कर कोई आगे नहीं आता।
-मधु जैनसेक्टर 12 के ज़्यादातर पार्कों की हालत खराब है। अथॉरिटी और हम खुद ज़िम्मेदार हैं, लेकिन कोई यह नहीं समझता। किसी के पास इन मामलों में शामिल होने का समय नहीं है।
-कल्पनामैं खुद पेड़ लगाती हूँ क्योंकि प्रकृति के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी है, लेकिन यह सिर्फ़ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि सबकी जिम्मेदारी है।
-डॉ. बबीता शर्मा
कई पार्कों की नियमित रूप से सफाई और रखरखाव नहीं हो रहा है। इससे उड़ने वाली धूल से आस-पास रहने वाले लोगों को सांस की समस्या हो रही है। अथॉरिटी का दावा है कि वे समय-समय पर पार्कों की सफाई करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
अगर पार्कों को ठीक से विकसित और मेंटेन किया जाए, तो वे प्रदूषण को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। नियमित सफाई, पेड़ लगाने और ठीक से निगरानी के बिना शहर को साफ और प्रदूषण मुक्त बनाना नामुमकिन है।
-संजय नबाद, पर्यावरणविद्

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