नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी, अब निजी स्वामित्व वाली भूमि का नक्शा अथॉरिटी करेगी मंजूर; नीति में बदलाव
नोएडा के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब निजी स्वामित्व वाली भूमि का नक्शा नोएडा अथॉरिटी मंजूर करेगी। नीति में बदलाव किया गया है जिससे किसानों को अब प ...और पढ़ें

कुंदन तिवरी, नोएडा। अब निजी स्वामित्त की भूमि वाले किसानों की उम्मीद बढ़ गई कि अब उसकी जमीन पर भी प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृत कर सकेगा। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक में नोएडा प्राधिकरण (विनियम के माध्यम से हस्तांतरित भूमि पर भवन निर्माण) नियमावली 2025 को स्वीकृति प्रदान की गई।
अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण में भवन नियमावली 2010 में संशोधन कर मानचित्र स्वीकृत करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। ऐसे में जिले में करीब 6300 से अधिक किसानों को लाभांवित होने की उम्मीद है। शासन से निर्णय के बाद अब भारतीय किसान परिषद ने किसानों को लाभ दिलाने के लिए कमर कस ली है, क्योंकि अभी तक प्राधिकरण ने यदि किसी किसान से पब्लिक यूटीलिटी के लिए जमीन ली है।
उसके बदले में अन्य जगह पर भूमि दी है, लेकिन प्राधिकरण किसानों का मानचित्र इस जमीन पर इसलिए स्वीकृत नहीं करता था, क्योंकि कोई नीति नहीं थी कि विनियम के माध्यम से हस्तांतरित भूमि पर भवन निर्माण का मानचित्र स्वीकृत कैसे किया जाए। इसलिए किसानों को कोर्ट की शरण में जाने की मजबूरी थी, लेकिन राहत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन रोहिल्लापुर गांव में जमीन अधिग्रहण के बदले सदरपुर में कपिल मिश्रा को जमीन दी गई थी।
मानचित्र स्वीकृत नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट में लंबी लड़ाई चली। अदालत ने प्रकरण के निस्तारण के लिए प्राधिकरण व शासन को आदेशित किया। इस प्रकरण को प्राधिकरण बोर्ड में लेकर गया, जिस पर शासन ने निर्णय लेकर विनियमितिकरण के तहत भवन नियमावली में बदलाव करने का आदेश कर दिया।
भारतीय किसान परिषद के वकील सचिन अवाना ने बताया कि हाल ही में झट्टा गांव में 12, कोंडली में आठ किसानों से इसी प्रकार से जमीन का अधिग्रहण नोएडा प्राधिकरण ने किया है। ऐसे में करीब 3800 मामले किसानों की स्वामित्त वाली जमीन के शामिल है।
जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पहले से ही करीब 1500 किसान इस प्रकरण के जरिये फंसे है, जिसको लेकर समय समय पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर आंदोलन होता आया है। इसी प्रकार से यमुना प्राधिकरण में भी 1000 विवाद पनप रहा है। किसानों की आबादी विनियमितिकरण शासन प्रशासन के लिए चुनौती बना हुुआ है। अब उम्मीद जागी है।
भारतीय किसान परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि जिन किसानों के पास स्वामित्त वाली भूमि है। इस जमीन को प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र की जमीन के नाम पर किसानों को निर्माण करने से रोकता आ रहा है। इसका विवाद प्राधिकरण प्रशासन शासन से लेकर अदालत तक विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में सोमवार को नोएडा प्राधिकरण विनियम के माध्यम से हस्तांतरित भूमि पर भवन निर्माण नियमावली 2025 को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नई निमयावली के लागू होने के बाद न्यायालय के माध्यम से नहीं, बल्कि अब नोएडा प्राधिकरण द्वारा मानचित्र स्वीकृति आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण भवन विनियमावली 2010 के अनुसार लीज डीड (पट्टा प्रलेख) के माध्यम से आवंटित भूमि के अतिरिक्त अधिनियम व नियमावली में विनिमय से प्रदत्त निजी स्वामित्व की भूमि पर मानचित्र स्वीकृत के लिए प्राप्त आवेदनों के निस्तारण में कठिनाई विद्यमान थी। इससे नोएडा क्षेत्र के भूस्वामियों द्वारा न्यायालय में याचिकाएं योजित की जा रही हैं।
नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (विनिमय के माध्यम से हस्तान्तरित भूमि पर भवन निर्माण) नियमावली 2025 के तहत नीति निर्धारित किए जाने से स्वामित्व की भूमि पर मानचित्र स्वीकृति के लिए प्राप्त आवेदनों का निस्तारण हो जाएगा। जिसका लाभ अब किसानों को मिलेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।