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    Noida Crime: बाबा गिरोह का सदस्य था इंद्रमणि, ठगी के रुपये में हिस्से की बात बिगड़ने पर बनाया नया गैंग

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:08 PM (IST)

    एसटीएफ टीम ने पिछले महीने बाबा गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। बाबा गिरोह के सरगना शुभम राज से इंद्रमणि ने लोगों से ठगी करने की ट्रिक सीखी। इ ...और पढ़ें

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    पुलिस टीम मामले की जांच में जुटी।

    गजेंद्र पांडेय, ग्रेटर नोएडा। बड़े नोट के बदले छोटे नोट के रूप में दोगुना धनराशि देने वाले गिरोह का मास्टर माइंड इंजीनियर इंद्रमणि, उर्फ राजा उर्फ इंद्र गाजियाबाद के बाबा गिरोह का सक्रिय सदस्य था। लोगों से ठगी के रुपए में हिस्से को लेकर बाबा गिरोह के सरगना शुभम राज से बात बिगड़ गई थी। इसके बाद उसने बिसरख क्षेत्र में नया ठिकाना और गिरोह बना लिया था।

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    पिछले माह एसटीएफ ने बाबा गिरोह के सरगना शुभम राज समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। शुभम ने ही इंद्रमणि का नाम एसटीएफ के सामने कुबूल किया था। इसके बाद इंद्रमणि एसटीएफ की वांछितों की सूची में शामिल था। टीमें उसे तलाश कर रहीं थी। इसी बीच बिसरख में ठगी की घटना सामने आने के बाद पुलिस ने इंद्रमणि समेत अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

    बड़े नोटों के बदले छोटे नोट के रूप में दोगुनी धनराशि देने के नाम पर ठगी का करीब तीन वर्ष पहले बिहार से शुरू हुआ था। शुभम राज उर्फ बाबा ने बिहार के ठगों से यह ट्रिक सीखी थी। वर्ष 2023 में शुभम दिल्ली आ गया। यहां पर उसने गिरोह बनाया। इसमें इंद्रमणि भी शामिल था। गिरोह करीब दो वर्ष तक दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सक्रिय रहा।

    फर्जी पहचान के आधार पर फ्लैट किराए पर लेकर इसी ट्रिक से लोगों से ठगी करते रहा। इंद्रमणि भी इंजीनियर है, ठगी के खेल में उसका अहम रोल रहता था। शुभम उसके काम के हिसाब से उसे ठगी की रकम में हिस्सा नहीं देता था। इसी के चलते वर्ष 2024 में इंद्रमणि बाबा गिरोह से अलग हो गया। उसने गिरोह में शुभम तिवारी को नवंबर-2025 में शामिल किया।

    नवीन सिंह नॉलेज पार्क स्थित केसीसी इंस्टीट्यूट में बीबीए का छात्र है। वह दोस्त शुभम के माध्यम से सोनू उर्फ मोहम्मद ताहिर के संपर्क में आया था। गौरव गुप्ता रैपिडो ड्राइवर है। वह दोस्त नितेश के माध्यम से गिरोह में शामिल हुआ था। रितेश उर्फ अंकित पहले दिल्ली के महिपालपुर में होटल चलाता था। घाटा होने के बाद बेरोजगार होकर इंद्रमणि के गिरोह में शामिल हुआ था। चंचल कुमार पहले कार एजेंसी में कार्यरत था। वह भी सोनू के संपर्क से गिरोह में शामिल हुआ था।