ग्रेटर नोएडा: जेल में बंद लोकेंद्र भाटी ने हड़पी 110 करोड़ की सरकारी जमीन, CEO का अल्टीमेटम
ग्रेटर नोएडा में, सीईओ एनजी रवि ने बिसरख गांव में अथॉरिटी की अधिग्रहित जमीन पर अवैध कब्जे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अवैध कब्जे से जुड़ी फाइल तलब ...और पढ़ें

सीईओ एनजी रवि ने बिसरख गांव में अथॉरिटी की अधिग्रहित जमीन पर अवैध कब्जे को गंभीरता से लिया है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। CEO एनजी रवि ने बिसरख गांव में अथॉरिटी की अधिग्रहित जमीन पर एक स्कूल बिल्डिंग के अवैध कब्जे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अवैध कब्जे से जुड़ी फाइल तलब कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। CEO ने कहा कि अवैध निर्माण हटाया जाएगा और जमीन को मुक्त कराया जाएगा। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। अथॉरिटी की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज किए जाएंगे।
आरोप है कि बिसरख गांव के लोकेंद्र भाटी ने अथॉरिटी की अधिग्रहित जमीन खसरा नंबर 649 पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिसकी बाजार में कीमत करीब ₹110 करोड़ है। लोकेंद्र भाटी पर अथॉरिटी की एक और जमीन खसरा नंबर 773 को भी कॉलोनाइजर और बिल्डरों को बेचने का आरोप है।
लोकेंद्र भाटी इस मामले में अभी जेल में है। गांव के कुलदीप भाटी और अनिल भाटी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि अथॉरिटी की खसरा नंबर 773, करीब 51,000 वर्ग मीटर जमीन 2010 में अधिग्रहित की गई थी। अथॉरिटी ने किसी बिल्डर या संस्था को जमीन आवंटित नहीं की। जमीन लंबे समय तक खाली पड़ी रही। कुलदीप भाटी का आरोप है कि लोकेंद्र भाटी ने इसका फायदा उठाकर जमीन कॉलोनाइजर और बिल्डरों को बेच दी। जमीन पर विला बना दिए गए।
मामले की जांच में आरोप सही पाए गए। पिछले हफ्ते पुलिस ने लोकेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कुलदीप भाटी का आरोप है कि लोकेंद्र ने खसरा नंबर 648 पर बादामी देवी इंटर कॉलेज बनवाया। उस खसरा नंबर की जमीन को तथ्य छिपाकर अधिग्रहण से छूट दे दी गई। जमीन पर गोदाम और स्टोरहाउस बने हुए हैं। बगल का खसरा नंबर 649 अथॉरिटी का है। खाली जमीन का फायदा उठाकर लोकेंद्र ने उस पर कॉलेज की बिल्डिंग बना ली।
CEO एनजी रवि ने कहा कि अथॉरिटी की ज़मीन को मुक्त कराया जाएगा। कुलदीप भाटी ने CEO को एक और लेटर दिया जिसमें आरोप लगाया गया कि खसरा नंबर 667 आबादी वाली ज़मीन है, जहाँ लोकेंद्र ने गैर-कानूनी तरीके से फैक्ट्री बनाई थी। CEO ने इस मामले में भी जांच के आदेश दिए हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।