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    नोएडा में ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक नया प्रयोग, पीयू बैरियर कैसे करेगा काम?

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 07:12 PM (IST)

    नोएडा में ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक नया प्रयोग किया जा रहा है। पीयू बैरियर के माध्यम से फ्री लेफ्ट टर्न की सुविधा दी जा रही है. इ ...और पढ़ें

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    सेक्टर-32 के पास लगाया गया पाली यूरिथीन (पीयू) बेस्ड बैरियर। सौ. अधिकारी


    कुंदन तिवारी, जागरण नोएडा। गलत दिशा में गाड़ियों को जाने से रोकने के लिए अब शहर के मुख्य चौराहों, अंडरपास और मुख्य सड़कों पर पॉलीयूरेथेन (PU) आधारित बैरियर लगाए जाएंगे। इससे दुर्घटनाएं रुकेंगी और लोगों की जान बचेगी। ये बैरियर कोहरे और धुंध में रिफ्लेक्टर का भी काम करेंगे। अथॉरिटी के नोएडा ट्रैफिक सेल (NTC) ने एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया है। वे 150 जगहों पर PU बैरियर लगाने जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट पर प्रति मीटर लगभग आठ हजार रुपये का खर्च आएगा।

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    गौरतलब है कि बुधवार को सेक्टर-32 स्थित सिटी सेंटर अंडरपास पर सिटी सेंटर मॉल की तरफ गलत दिशा में गाड़ियों को जाने से रोकने के लिए दस मीटर लंबा PU बैरियर लगाया गया। इस पर प्रति मीटर आठ हजार रुपये का खर्च आया। अधिकारियों के अनुसार, रेड लाइट पर गाड़ियों के रुकने से ट्रैफिक जाम होता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। ज़्यादातर चौराहों पर गाड़ियों को लेफ्ट टर्न की सुविधा नहीं मिलती, जबकि लेफ्ट टर्न फ्री होना चाहिए। ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही थी।

    इसलिए अथॉरिटी ने शहर के ऐसे 80 चौराहों पर फ्री लेफ्ट टर्न की सुविधा देने के लिए पॉलीयूरेथेन (PU) आधारित बैरियर लगाने का फैसला किया है। अगर कोई गाड़ी PU बैरियर से टकराती भी है, तो कोई नुकसान नहीं होगा। यह एक लचीला, प्लास्टिक जैसा बैरियर है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे ट्रायल के लिए नोएडा अथॉरिटी ऑफिस के बाहर मुख्य सड़क पर 10 मीटर के हिस्से में लगाया गया है। अगर ट्रायल सफल होता है और नोएडा अथॉरिटी के CEO से अनुमति मिल जाती है, तो नोएडा ट्रैफिक सेल (NTC) इसका इस्तेमाल शहर के 80 चौराहों पर लेफ्ट टर्न फ्री करने के लिए करेगा।

    अथॉरिटी के नोएडा ट्रैफिक सेल (NTC) ने इसे जुलाई में डार्क आई कंपनी के ज़रिए लगवाया था और एक मीटर एरिया में बैरियर लगाने में लगभग 12,000 रुपये का खर्च आया था। अथॉरिटी ऑफिस के बाहर सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। ज़्यादातर चौराहों, मुख्य सड़कों और अंडरपास पर 10 मीटर का बैरियर काफी होगा। ज़रूरत के हिसाब से इसकी लंबाई बढ़ाई या घटाई जा सकती है। यह इतना लचीला है कि अगर कोई कार या बाइक इससे टकराती भी है, तो कोई नुकसान नहीं होगा।

    इसमें रेडियम लाइट लगी हैं जो रात में चमकेंगी, जिससे कोहरे वाली रातों में कोई दिक्कत नहीं होगी। अथॉरिटी ने उन चौराहों का सर्वे किया था जहाँ लेफ्ट टर्न को फ्री किया जाना है, अंडरपास बनाए जाने हैं, और मुख्य सड़कों पर काम किया जाना है। इस सर्वे में 80 चौराहों की पहचान की गई है। इसका इस्तेमाल कई सड़कों पर डिवाइडर के तौर पर भी किया जाएगा। अगर ट्रायल सफल होता है, तो NCAP से मिले फंड से काम किया जाएगा।

    शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्त बनाने और गाड़ियों को गलत दिशा में चलने से रोकने की योजना पर काम शुरू हो गया है। गाड़ियों के लिए एक्सीडेंट-फ्री लेफ्ट-टर्न की सुविधा देने का काम पूरी तरह से चल रहा है। अभी PU (पॉलीयूरेथेन) सिस्टम का ट्रायल चल रहा है। अगर यह सफल होता है, तो इस सुविधा को 150 जगहों पर लागू किया जाएगा।
    - एसपी सिंह, जनरल मैनेजर (NTC), नोएडा अथॉरिटी।