नोएडा में इलेक्ट्रिक-हाइब्रिड वाहनों पर जोर, 150 नए ईवी चार्जिंग और 13 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन होंगे स्थापित
नोएडा प्राधिकरण ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। शहर में 150 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन और ...और पढ़ें
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नोएडा प्राधिकरण के सभी कार्यालय के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा।
जागरण संवाददाता, नोएडा। लगातार खराब होते वायु गुणवत्ता को देख नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक व्यापक कार्ययोजना लागू की है। इसका केंद्र बिंदु इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मोबिलिटी को बढ़ावा देना, ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना है।
खासतौर पर आइटी व शैक्षणिक क्षेत्रों में रोजाना होने वाली वाहन आवाजाही को कम करना है। प्राधिकरण का दावा है कि ‘पहले अपने घर को दुरुस्त’ करेगा और अपने पूरे वाहन बेड़े को स्वच्छ विकल्पों में बदलकर अन्य संस्थाओं के लिए मिसाल पेश करेगा। यह बात मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने कही।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत नोएडा प्राधिकरण के सभी कार्यालय के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा। इसके अलावा, शहर में रोजाना व्यापक स्तर पर संचालन करने वाले सैनिटेशन फ्लीट जो प्रदूषण का बड़ा स्रोत माने जाते हैं को सीएनजी ओर बीएस सिक्स मानकों वाले वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा। इससे दिन भर सड़कों पर चलने वाले वाहनों से होने वाले टेलपाइप उत्सर्जन में कमी आएगी और स्थानीय स्तर पर वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि सुबह आइटी कंपनी, एनएमसी, निजी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों से बैठक की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निजी वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए आइटी कंपनियों और विश्वविद्यालयों को ग्रैप-3 और ग्रैप 4 प्रतिबंध हटने तक वर्क-फ्राम होम लागू करने की सलाह दी गई है। इसका उद्देश्य पीक आवर्स में आइटी पार्कों और शैक्षणिक संस्थानों की ओर जाने वाले वाहनों की संख्या घटाना है।
शैक्षणिक संस्थानों को हाइब्रिड या पूरी तरह आनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि स्कूलों और विश्वविद्यालय परिसरों में बड़े आयोजनों को एक से दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। छात्रों से निजी दोपहिया वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन अपनाने की अपील की गई है। इसके साथ ही, प्रदूषण स्तर सामान्य होने तक खुले तंदूर, खुले फूड पार्क और चिमनियों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है।
सभी कदम स्रोत पर उत्सर्जन कम करने, अनावश्यक वाहन आवाजाही रोकने और स्वच्छ मोबिलिटी की ओर दीर्घकालिक संक्रमण को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए हैं। प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर और कड़े कदम उठाए जाएंगे। इस मौके पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश, वंदना त्रिपाठी, ओएसडी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक सिविल एके अरोड़ा, परियोजना अभियंता आरके शर्मा समेत अन्य उपस्थित रहे।
81 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन
डॉ लोकेश एम ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर प्राधिकरण ईवी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क को तेज़ी से विकसित कर रहा है। पहले चरण में तीन महीनों के भीतर 81 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इससे पहले ईएसएसएल के माध्यम से लगाए गए 69 चार्जिंग स्टेशनों की समीक्षा में कवरेज और प्रदर्शन को अपर्याप्त पाया गया था। नए सर्वे में शहर भर में 150 संभावित स्थान चिह्नित किए गए हैं और जल्द ही इसके लिए ईओआइ जारी किया जाएगा।
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनेंगे
महाप्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि मार्च 2026 तक शहर में 13 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक स्टेशन पर दो स्वैपिंग प्वाइंट होंगे, जिनमें कुल 44 बैटरियां उपलब्ध रहेंगी। इससे खासतौर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया और व्यावसायिक वाहनों के लिए चार्जिंग समय कम होगा और परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
गैस इंसुलेटेड चलाए जनसेट
एडीएम वित्त अतुल कुमार ने बताया कि सात दिनों के भीतर 70 प्रतिशत गैस और 30 प्रतिशत डीजल मिश्रण पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिक प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की पहचान कर सघन जांच की जाएगी। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला प्रशासन के साथ मिलकर अनुपालन की निगरानी करेगा और उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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