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    नोएडा के सैकड़ों फ्लैट खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बिल्डर को कंडीशनल जारी हो सकता है ओसी

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 08:53 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर-150 में स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के तहत फंसे फ्लैट खरीदारों को आंशिक राहत दी है। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को छह आवासीय टावरों के लिए बिल्डर को कंडीशनल ओसी जारी करने का निर्देश दिया है। यह फैसला गोदरेज नेस्ट के लगभग 450 परिवारों के लिए है। प्राधिकरण अब इस पर आगामी बोर्ड बैठक में विचार करेगा। यह राहत केवल छह टावरों तक ही सीमित है।

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    जागरण संवाददाता, नोएडा। सुप्रीम कोर्ट ने सेक्टर-150 के स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में फंसे सैकड़ों फ्लैट खरीदारों को आंशिक राहत दी है। अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह छह आवासीय टावरों के लिए बिल्डर को कंडीशनल अधिभोग प्रमाणपत्र (ओसी) जारी करे। यह फैसला गोदरेज नेस्ट में अपने घरों का इंतजार कर रहे लगभग 450 परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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    इस आदेश का अवलोकन नोएडा प्राधिकरण ने 219 वीं बोर्ड में लिया। अपर मुख्य कार्यपालक सतीश पाल ने बताया कि आदेश का अध्ययन करने के बाद खरीदार को राहत देने के लिए अब इसे आगामी बोर्ड में लाया जाएगा। वहां से अप्रूवल मिलने के साथ ही बिल्डर को कंडीशनल सीसी जारी किया जा सकता है। यह राहत केवल इन छह टावरों तक सीमित है, स्पोर्ट्स सिटी की अन्य परियोजनाओं के लिए मिसाल नहीं बनेगी।

    यह आदेश न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने ब्रिक राइज डेवलपर्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था। ब्रिक राइज़, लोटस ग्रींस कंस्ट्रक्शंस के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का हिस्सा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फरवरी 2025 के उस आदेश को चुनौती दी थी, इससे परियोजना में अनियमितताओं, देरी और बकाया राशि का उल्लेख करते हुए ओसी रोकने के निर्देश दिए गए थे।

    वादा के तहत पूरी करनी होगी परियोजना

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन छह टावरों के आवेदन प्राधिकरण के पास लंबित हैं, उन्हें कंडीशनल अधिभोग प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह प्रमाणपत्र चल रही विशेष अनुमति याचिकाओं और भविष्य के किसी भी न्यायिक आदेश के अधीन होंगे।

    साथ ही डेवलपर को स्पोर्ट्स सिटी के तहत वादा की गई सभी खेल और मनोरंजन सुविधाएं पूरी करनी होंगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्माण कार्य नोएडा के भवन उपनियमों के अनुरूप हों।