बिल्डरों पर और कसेगा नोएडा प्राधिकरण का शिकंजा, दो सोसायटी के बाहर लगी होर्डिंग
नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों पर और सख्ती करने जा रहा है। दो सोसायटियों के बाहर होर्डिंग लगाई गई हैं। प्राधिकरण का उद्देश्य बिल्डरों को नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करना है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है। इससे सोसायटियों में रहने वाले लोगों पर असर पड़ेगा।
-1760412970527.webp)
सेक्टर 137 स्थित सुपरटेक इको सिटी सोसाइटी के बाहर नोएडा प्राधिकरण ने लगवाया बकाया का बोर्ड। सौ. निवासी
-अमिताभकांत रिपोर्ट की सिफारिश लागू होने के बाद भी अपना बकाया प्राधिकरण खाते में जमा नहीं कराया
जागरण संवाददाता, नोएडा :
प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के उन बिल्डरों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने अमिताभ कांत रिपोर्ट की सिफारिश लागू होने के बाद भी बकाया धनराशि (देयता) प्राधिकरण खाते में जमा नहीं कराया है। प्राधिकरण ने ऐसी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बाहर सरकारी जमीन पर होर्डिंग लगवाना शुरू कर दिए हैं। इसकी एक लिस्ट भी प्राधिकरण के पोर्टल् पर आनलाइन अपलोड की जाएगी। इसमें बोर्ड के साथ ग्रुप हाउसिंग बिल्डर का नाम दिया जाएगा। इसकी शुरूआत प्राधिकरण ने सेक्टर-110 स्थित लोटस पनाश सोसायटी व सेक्टर-137 स्थित सुपरटेक इको सिटी के बाहर बोर्ड लगवाकर की गई है। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जो परियोजनाएं है, वहां भी बोर्ड लगाया जा रहा है। हालांकि, निवासियों ने आपत्ति जताई। नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि प्राधिकरण कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि लोगों को बता रहा है कि परियोजना पर कितना बकाया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। होर्डिंग परिसर के बाहर, सरकारी जमीन पर हैं। डिफाल्ट होने वाली परियोजनाओं के बाहर ऐसे होर्डिंग लगाए जाएंगे। उनकी तस्वीरें प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएंगी। इन परियोजनाओं पर हजारों करोड़ रुपये बकाया हैं। दिसंबर 2023 में अमिताभ कांत रिपोर्ट की सिफारिश के बाद भी डेवलपर प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कई बिल्डर नीतिगत लाभों का फायदा उठाने सामने नहीं आए हैं। इसलिए इस तरह का कार्रवाई का निर्णय किया गया है।
-- -- -- -- --
लाभ के बाद भी जमा हुए 528 करोड़
29 सितंबर तक कुल 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 35 बिल्डर परियोजनाओं ने अमिताभ कांत की सिफारिश का लाभ लिया। 25 प्रतिशत राशि के सापेक्ष इन बिल्डरों ने 528.13 करोड़ जमा कराए। छह बिल्डर ऐसे है। इसमें पूरा जमा करा दिया। 13 ऐसे है जिन्होंने 25 प्रतिशत के सापेक्ष आंशिक धनराशि करीब 28.60 करोड़ जमा कराया।
-- -- -- -- --
तीन हजार से ज्यादा रजिस्ट्री
इन पैसों से करीब 5758 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो सकती है। इसमें से अब तक 3724 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो गई है। बोर्ड ने निर्णय लिया कि ऐसे 10 बिल्डर परियोजनाएं जिनकी की ओर से सहमति के बाद भी बकाया नहीं दिया गया। 13 ने आंशिक पैसा जमा किया। वहीं 35 जिन्होंने 25 प्रतिशत के अलावा पैसा जमा नहीं किया गया।
-- -- -- -- --
अभी और कसेगा शिकंजा
बकाया भुगतान न करने वालों पर आने वाले दिनों में प्राधिकरण और शिकंजा कसेगा। प्राधिकरण बोर्ड ने इसे शासनादेश के प्रतिकूल माना है। निर्णय लिया गया कि शासनादेश के तहत दिए जाने वाले लाभ की तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। बकायेदारों की वसूली प्राधिकरण नियम से होगी।
-- -- -- -- -- -
कुंदन तिवारी
जागरण संवाददाता, नोएडा :
प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के उन बिल्डरों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने अमिताभ कांत रिपोर्ट की सिफारिश लागू होने के बाद भी बकाया धनराशि (देयता) प्राधिकरण खाते में जमा नहीं कराया है। प्राधिकरण ने ऐसी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बाहर सरकारी जमीन पर होर्डिंग लगवाना शुरू कर दिए हैं। इसकी एक लिस्ट भी प्राधिकरण के पोर्टल् पर आनलाइन अपलोड की जाएगी। इसमें बोर्ड के साथ ग्रुप हाउसिंग बिल्डर का नाम दिया जाएगा। इसकी शुरूआत प्राधिकरण ने सेक्टर-110 स्थित लोटस पनाश सोसायटी व सेक्टर-137 स्थित सुपरटेक इको सिटी के बाहर बोर्ड लगवाकर की गई है। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जो परियोजनाएं है, वहां भी बोर्ड लगाया जा रहा है। हालांकि, निवासियों ने आपत्ति जताई। नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि प्राधिकरण कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर रहा है, बल्कि लोगों को बता रहा है कि परियोजना पर कितना बकाया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। होर्डिंग परिसर के बाहर, सरकारी जमीन पर हैं। डिफाल्ट होने वाली परियोजनाओं के बाहर ऐसे होर्डिंग लगाए जाएंगे। उनकी तस्वीरें प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएंगी। इन परियोजनाओं पर हजारों करोड़ रुपये बकाया हैं। दिसंबर 2023 में अमिताभ कांत रिपोर्ट की सिफारिश के बाद भी डेवलपर प्राधिकरण की बकाया धनराशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कई बिल्डर नीतिगत लाभों का फायदा उठाने सामने नहीं आए हैं। इसलिए इस तरह का कार्रवाई का निर्णय किया गया है।
लाभ के बाद भी जमा हुए 528 करोड़
29 सितंबर तक कुल 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 35 बिल्डर परियोजनाओं ने अमिताभ कांत की सिफारिश का लाभ लिया। 25 प्रतिशत राशि के सापेक्ष इन बिल्डरों ने 528.13 करोड़ जमा कराए। छह बिल्डर ऐसे है। इसमें पूरा जमा करा दिया। 13 ऐसे है जिन्होंने 25 प्रतिशत के सापेक्ष आंशिक धनराशि करीब 28.60 करोड़ जमा कराया।
तीन हजार से ज्यादा रजिस्ट्री
इन पैसों से करीब 5758 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो सकती है। इसमें से अब तक 3724 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो गई है। बोर्ड ने निर्णय लिया कि ऐसे 10 बिल्डर परियोजनाएं जिनकी की ओर से सहमति के बाद भी बकाया नहीं दिया गया। 13 ने आंशिक पैसा जमा किया। वहीं 35 जिन्होंने 25 प्रतिशत के अलावा पैसा जमा नहीं किया गया।
अभी और कसेगा शिकंजा
बकाया भुगतान न करने वालों पर आने वाले दिनों में प्राधिकरण और शिकंजा कसेगा। प्राधिकरण बोर्ड ने इसे शासनादेश के प्रतिकूल माना है। निर्णय लिया गया कि शासनादेश के तहत दिए जाने वाले लाभ की तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। बकायेदारों की वसूली प्राधिकरण नियम से होगी।
कुंदन तिवारी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।