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    नोएडा प्राधिकरण ने गेल की साधारण ब्याज मांग ठुकराई, 88 लाख लीज पर 6.5 करोड़ चक्रवृद्धि ब्याज चुकाना होगा

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 04:10 PM (IST)

    नोएडा प्राधिकरण ने गेल (GAIL) की साधारण ब्याज की मांग को खारिज करते हुए 88 लाख रुपये की लीज पर 6.5 करोड़ रुपये का चक्रवृद्धि ब्याज चुकाने का आदेश दिया है। प्राधिकरण के इस निर्णय से गेल पर वित्तीय भार बढ़ेगा, क्योंकि उन्हें अब चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करना होगा। यह मामला लीज राशि पर ब्याज से संबंधित है, जिसमें प्राधिकरण ने चक्रवृद्धि ब्याज को ही मान्य माना है।

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    गेल इंडिया लिमिटेड को झटका।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने गेल (इंडिया) लिमिटेड की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने सेक्टर 16ए स्थित अपने संस्थागत भूखंड पर बकाया लीज रेंट के ब्याज की गणना साधारण ब्याज के आधार पर करने का अनुरोध किया था। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि मौजूदा ब्याज मांग पूरी तरह से लीज़ डीड की शर्तों के अनुरूप है। इसे पूर्व प्रभाव से बदला नहीं जा सकता।

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    यह मामला सेक्टर 16ए के 17,466 वर्गमीटर के संस्थागत भूखंड से जुड़ा है, जिसे तीन जुलाई 1986 को गेल को आवंटित किया गया था। लीज़ डीड एक जनवरी 1992 को निष्पादित हुई और दो अप्रैल 1992 को भूखंड का कब्जा सौंपा गया।

    यह भूखंड मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट स्थापित करने के लिए दिया गया था और आवंटन से संबंधित सभी किस्तों का भुगतान गेल पहले ही कर चुका है। समस्या तब उत्पन्न हुई जब कंपनी ने ‘एन्हांस्ड लीज रेंट’ का भुगतान नहीं किया, जिसे प्राधिकरण की नीति के अनुसार हर 10 साल में 50 प्रतिशत बढ़ाया जाता है।

    88 लाख लीज रेंट , 6.5 करोड़ ब्याज

    1992-93 से 2025-26 तक लीज रेंट का बकाया लगभग 88 लाख हो गया है। जबकि प्राधिकरण की वित्तीय नीति के तहत चक्रवृद्धि ब्याज जोड़ने पर कुल ब्याज 6.5 करोड़ तक पहुंच गया है। गेल ने नौ जून 2025 को भेजे गए पत्र में अनुरोध किया था कि ब्याज की गणना चक्रवृद्धि के बजाय साधारण ब्याज पर की जाए।

    कंपनी ने दलील दी कि 2015 में नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की 187वीं बैठक में सेक्टर एक के दो अन्य भूखंडों पर साधारण ब्याज लागू किया गया था। इसलिए सेक्टर 16ए के मामले में भी समान राहत दी जानी चाहिए। तीन अक्टूबर को हुई बोर्ड बैठक में अधिकारियों ने लीज डीड की उस धारा की ओर ध्यान दिलाया जिसमें वार्षिक लीज रेंट मूल प्रीमियम के 2.5 प्रतिशत के आधार पर तय किया गया है।

    चूंकि सेक्टर 16ए के इस भूखंड के लिए कभी भी सप्लीमेंट्री डीड निष्पादित नहीं हुई। इसलिए लीज रेंट पुराने आधार पर चलता रहा। प्राधिकरण ने कहा कि आवंटियों के साथ समानता और कानूनी शर्तों के अनुसार वित्तीय निर्णय होने चाहिए। बोर्ड ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि ब्याज मांग पूरी तरह वैध है। इसलिए गेल को 6.5 करोड़ से अधिक का चक्रवृद्धि ब्याज ही देना होगा।