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    जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भरने की तैयारी तेज, संचार उपकरणों की जांच को रनवे पर उतरेगा एयरक्राफ्ट

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 09:44 AM (IST)

    नोएडा एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस मिलने से पहले डीजीसीए सुरक्षा जांच कर रहा है। विभिन्न एजेंसियां रनवे, नेविगेशन और संचार उपकरणों का परीक्षण कर रही हैं। मानकों के अनुरूप पाए जाने पर मिनी एयरक्राफ्ट से लैंडिंग और टेकऑफ का परीक्षण होगा। डीजीसीए को प्रतिदिन रिपोर्ट भेजी जा रही है। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने पर लाइसेंस जारी किया जाएगा।

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    नोएडा एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस जारी करने से पहले चल रही फ्लाइट टेस्टिंग

    जागरण संवाददाता, जेवर। नोएडा एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस जारी करने से पहले नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) एयरपोर्ट पर यात्रियों एवं विमानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फ्लाइट टेस्ट करा रहा है। तीन दिन से विभिन्न एजेंसियां एयरपोर्ट की सुरक्षा और रनवे पर विमानों की लैडिंग एवं टेकआफ के लिए नेविगेशन सिस्टम और संचार उपकरणों की जांच कर रहे हैं।

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    जांच में अभी तक सबकुछ तय मानकों के मुताबिक मिलने पर एजेंसी अब मिनी एयरक्राफ्ट की सफल लैडिंग और टेकऑफ कराने की तैयारी कर रही हैं। एयरक्राफ्ट से टेस्टिंग के बाद फ्लाइट टेस्ट पूरा हो जाएगा जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर डीजीसीए नोएडा एयरपोर्ट को लाइसेंस जारी करेगा।

    एयरोड्रम लाइसेंस जारी करने के लिए डीजीसीए, एयरपोर्ट आथरिटी आफ इंडिया और अन्य एजेंसियों से मिलकर सोमवार से ही एयरपोर्ट पर फ्लाइट टेस्ट करा रही है। टेस्टिंग की प्रतिदिन की रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी जा रही है। तीन से चल रही जांच में सबकुछ अंंतरराष्ट्रीय तय मानकों के अनुरूप ही मिला है।

    नेविगेशन और संचार उपकरणों की जरूरी जांचें पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को एजेंसियां मिनी एयरक्राफ्ट को रनेवे पर उतार सकती हैं। एयरक्राफ्ट के रनवे से सफलता पूर्ण उड़ान पूरी (कैलीब्रेशन टेस्टिंग) होने के साथ ही फ्लाइट टेस्ट भी पूरा हो जाएगा।

    नियाल के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि रनवे एटीसी टावर पर लगे नेविगेशन और संचार उपकरणों की जांच चल रही है। जिसमें इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस), डिस्टेंस मेजरिंग इक्विपमेंट (डीएमई),वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओम्निडायरेक्शनल रेंज (वीओआर) व एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) उपकरणों की जांच जांच पूरी होने के बाद अंत में एयरक्राफ्ट की लैडिंग और टेकआफ (कैलीब्रेशन टेस्टिंग) कराई जानी है। टेस्टिंग की सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही एयरोड्रम लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।