नोएडा में लोगों को सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI 455 पहुंचने के बाद ग्रेप-3 लागू; निर्माण कार्य ठप
नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने से सांस लेना मुश्किल हो गया है। नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 455 दर्ज हुआ, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर ब ...और पढ़ें
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नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने से दिन भर सांस लेना मुश्किल हो गया।
जागरण संवाददाता, नोएडा। शहर की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने से दिन भर सांस लेना मुश्किल हो गया। शनिवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 455 और ग्रेटर नोएडा का 422 गंभीर में श्रेणी में दर्ज हुआ। देश में नोएडा पहला और ग्रेटरनोएडा दूसरा सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज हुआ।
प्रदूषण बढ़ते ही सीपीसीबी ने ग्रेप 3 की पाबंदियां लागू कर दी है। सुबह से ही आसमान में छाई प्रदूषण की परत ने आंखों में खुजली और नाक में जलन की समस्या को और भी बढ़ा दिया है। ग्रेप 3 के नियमों को हवा कर शहर में जगह-जगह निर्माण कार्य भी धड़ल्ले से चल रहा है। टूटी सड़कों पर उड़ती धूल नियमों का मजाक उड़ा रही है।
स्कूल, कॉलेज में विद्यार्थी इतने प्रदूषण के बीच मास्क लगाकर पहुंच रहे हैं। वहीं अस्पतालों में भी अस्थमा अटैक के मरीज भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सेक्टर 125,62,116 में सड़कें अधिक खराब होने के कारण आसमान में धूल उड़ती नजर आती है। इन सेक्टरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से 495 पहुंच गया।
दिन में अधिक प्रदूषण होने के कारण शहर की इमारतें धुंध में छुपी रही। बता दें कि सर्दी बढ़ते ही लोगों ने लकड़ियां जलाकर हाथ तापने लगे हैं इससे निकलने वाला धुंआ हवा को दूषित कर रहा है। वहीं कई जगह कचरे जलने की घटना आए दिन सामने आती है इसपर पाबंदियां लगाने पर कोई ठाेस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
प्रदूषण बढ़ते ही नोएडा प्राधिकरण की पानी छिड़काव करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई हे। प्रधिकरण की टीम चुनिंदा जगहों पर या मानिटरिंग स्टेशन पर ही छिड़काव करने तक सीमित हैं।
दिन और रात के तापमान में कमी
शहर के दिन और रात के तापमान में कमी आने से ठंड बढ़ी है। सुबह से ही प्रदूषण की धुंध बनी रही। शनिवार को न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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