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    जानलेवा हुई नोएडा की हवा, शनिवार को बना देश में तीसरा सबसे प्रदूषित शहर; दिल्ली का क्या है हाल?

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 07:54 PM (IST)

    नोएडा में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है, जिससे यह देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार चला गया है। दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर खराब है, लेकिन नोएडा से बेहतर है।

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    नोएडा सेक्टर-52 के पास शनिवार सुबह 10:30 बजे छाए स्माग के बीच जाते वाहन। फोटो- सौरभ राय/जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। प्रदूषण का कहर जारी है, सड़क पर उड़ती धूल की मार सहना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। शनिवार को नोएडा देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर में दर्ज हुआ। वायु गुणवत्ता सूचकांक 363 अधिक खराब श्रेणी में रहा।

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    दो माह में शहर देश में 10 बार दूसरे से तीसरे स्थान पर सबसे प्रदूषित शहरों में रह चुका है। प्रदूषित शहरों की श्रेणी से नोएडा बाहर नहीं आ रहा है।

    बेकाबू प्रदूषण को नियंत्रित करना जिम्मेदारों के बस से बाहर हो गया है। नोएडा प्राधिकरण,बिजली निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिर्फ जुर्माना कार्रवाई और नोटिस देने तक ही सीमित बने हुए हैं।

    पौधों पर पानी का छिड़काव,सड़क पर पानी का छिड़काव महज हर साल होने वाली प्रक्रिया बनकर रह गई है लेकिन खुले में पड़ी मिट़टी का ढेर लोगों की शिकायतों के बाद भी जस तस नहीं हुआ है।

    जिम्मेदार एक-दूसरे विभाग को जिम्मेवार ठहराकर मौन हो जाते हैं। कागजों से धरातल पर आने के लिए अभी और समय लगेगा। तब तक लोगों जहरीली हवा में ही सांस लेना होगी। खुली हवा में सांस लेना खतरा बनता जा रहा है। आसमान साफ होने के बाद भी प्रदूषण की परत दिनभर छाई रही।

    साइलेंट किलर प्रदूषण लोगों को अस्वस्थ कर रहा है लेकिन जिम्मेदार प्रदूषित सेक्टरों का वायु गुणवत्ता सुधारने का प्रयास विफल हो रहे हैं। शहर में उखड़ी सड़कें,मिट्टी का ढेर,निर्माण कार्य प्रदूषण का स्तर को बेकाबू कर रही हैं।

    मॉनिटरिंग स्टेशन का रेड जोन में

    एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन की हवा रेड जोन में बनी हुई है। शहर का हवा की गुणवत्ता इन स्टेशनों से ही मापी जाती है। स्टेशन 1 का 371, सेक्टर 116 का 375, सेक्टर 62 का 373 सेक्टर 125 का 366 एक्यूआइ दर्ज किया गया। इन स्टेशनों की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। इन जगहों पर सबसे ज्यादा मिट्टी के ढेर और निमार्ण कार्य की शिकायत प्रदूषण बोर्ड तक पहुंचती हैं लेकिन सुबह पानी का छिड़काव के बाद और कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं।

    प्रदूषित शहर

    शहर- एक्यूआइ
    रोहतक- 374
    दिल्ली- 366
    नोएडा - 363