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    सोशल मीडिया पर अंजान लोगों से दोस्ती करने वाले हो जाएं सावधान, वरना खाली हो सकता है बैंक खाता

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 11:01 AM (IST)

    Noida News नोएडा में नाइजीरियन गिरोह के जालसाज लोगों को सोशल मीडिया के जरिये अपना निशाना बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती करते वक्त आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ऐसा न करने पर आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।

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    सोशल मीडिया पर अंजान लोगों से दोस्ती करने वाले हो जाएं सावधान, वरना खाली हो सकता है बैंक खाता

    नोएडा, जागरण संवाददाता। सोशल मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती करना आपको कंगाल कर सकता है। नाइजीरियन गिरोह के जालसाज लोगों से दोस्ती करने के बाद व्यापक स्तर पर ठगी कर रहे हैं। बीते पांच माह में गिरोह के शातिरों ने नौ लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। इसमें से साइबर क्राइम थाने की टीम ने चार आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है।

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    रिटायर अधिकारियों और महिलाओं को बनाते हैं निशाना

    साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि गिरोह के शातिर सेवानिवृत्ति अधिकारियों और महिलाओं को निशाना बनाते हैं। शातिर पहले सोशल मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर दोस्ती करते हैं उसके बाद महंगे उपचार, कैश और आभूषण भेजने की बात कहते हैं।

    इसी क्रम में गिरोह का ही एक अन्य जालसाज कस्टम का अधिकारी बनकर पीड़ितों के पास फोन करता है और एयरपोर्ट पर कीमती उपचार और करोड़ों का कैश होने की जानकारी देता। इस दौरान वह कस्टम ड्यूटी सहित अन्य करों का हवाला देकर पीड़ितों से पैसे ट्रांसफर कराता है। ठगी की जानकारी होने के बाद आरोपित अपना मोबाइल बंद कर देते हैं।

    निजी तस्वीरों के आधार पर करते हैं ब्लैकमेल

    साइबर क्राइम थाने के अधिकारियों ने बताया जालसाज दोस्ती के दौरान महिलाओं सहित अन्य लोगों से निजी तस्वीरें और वीडियो हासिल करते हैं और उसके बाद उसी वीडियो और तस्वीर को आधार बनाकर ब्लैकमेल करने का सिलसिला प्रारंभ हो जाता है। इसके अलावा विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर भी साइबर जालसाज ठगी करते हैं।

    • हाल ही में हुई घटनाएं

    • 22 जून को नाइजीरियन गिरोह के शातिरों ने यूपी पुलिस के डीआईजी पद से सेवानिवृत्त हुए राम प्रताप सिंह के साथ आठ लाख 17 हजार रुपये की ठगी की। ब्रिटिश महिला बनकर शातिरों ने पीड़ित से संपर्क किया था।
    • 30 मार्च को कंपनी में साझीदार बनाने का झांसा देकर शातिरों ने एक व्यक्ति के साथ 87 लाख रुपये की ठगी की। इसके अलावा अगस्त में जालसाजों ने गाजियाबाद की महिला से दोस्ती करने के बाद शातिरों ने 12 लाख रुपये की ठगी की।
    • 12 मई को कीमती आभूषण भेजने का झांसा देकर शातिरों ने 22 लाख रुपये की ठगी एक युवती के साथ की। विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देकर मेरठ के एक इंजीनियर के साथ लाखों रुपये की ठगी की गई।सभी मामले में दोस्ती करने के बाद ठगी की घटना को अंजाम दिया गया।

    कामगारों से हासिल करते हैं सिम

    पूछताछ के दौरान गिरफ्त में आए आरोपितों ने बताया कि कामगारों और रिक्शा चालकों से वह एक हजार रुपये में सिम हासिल करते हैं। कामगारों के दस्तावेज हासिल कर ठग उनका बैंक में खाता खुलवाते हैं और उसी में पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। नाइजीरियन गिरोह के जितने भी शातिर गिरफ्तार हुए हैं उनके पास से मिले सिम कार्ड और खाते कामगारों के ही मिले हैं।

    ठगी से बचने के लिए बरते ये सावधानियां

    व्यापक स्तर पर ठगी को देखते हुए साइबर क्राइम थाने की टीम सोसायटी और फैक्ट्री में जाकर लोगों को जागरूक कर रही है। ऐसे बचे ठगी से साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर पूरी जानकारी करने के बाद ही किसी से जानकारी साझा करें।

    किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं। निजी तस्वीरें और वीडियो किसी से भी साझा न करें। अगर कोई व्यक्ति पैसे की मांग करता है तो इसकी सूचना संबंधित कोतवाली पुलिस या साइबर क्राइम थाने की टीम से करें। ठगी का पहला चरण ही लालच से प्रारंभ होता है। बैंक संबंधी जानकारी और ओटीपी कभी भी साझा न करें।