नवजात को गलत इंजेक्शन, हथेली में गैंग्रीन; नोएडा में डॉक्टरों की लापरवाही से काटनी पड़ेगी मासूम की हथेली
नोएडा में एक नवजात शिशु को गलत इंजेक्शन देने के कारण उसकी हथेली में गैंग्रीन हो गया। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते अब बच्चे की हथेली काटनी पड़ेगी। इस घटना से परिवार में शोक है और वे अस्पताल प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नोएडा। एक बच्ची, जिसने अभी सांस लेना भी ठीक से नहीं सीखा, उसे डाॅक्टरों की लापरवाही झेलनी पड़ी। उसकी हथेली, जो कभी खिलौनों से खेलती, अब पट्टियों में बंधी है और कटने की कगार पर है। नवजात की मां, जिसने नौ महीने तक अपनी कोख में बच्ची को पालकर जन्म दिया, आज उसे टकटकी लगाकर अस्पताल के शीशे से सारा दिन झांक रही है। उस मां का हृदय कैसे तड़पता होगा, जब वह देखती है कि उसकी बच्ची की नन्ही हथेली चिकित्सकों की लापरवाही से अब सर्जरी के नाम पर काट दी जाएगी।
दादरी के चिटहैरा में बालेश्वर भाटी के बड़े बेटे शिवम भाटी की शादी को अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं। पांच अक्टूबर को शिवम ने गर्भवती पत्नी को आयुष्मान कार्ड से नवीन अस्पताल में भर्ती कराया था। इकलौती बेटी के जन्म के साथ पूरा परिवार खुशियों में डूबा था, लेकिन यह खुशी चंद घंटों में दर्द व चिंता में बदल गई।
चिकित्सकों ने नवजात को कमजोर बताकर नर्सरी में भर्ती कराने की सलाह दी। स्वजनों ने नवजात को गोपाल नर्सिंग होम की नर्सरी में भर्ती करा दिया। आरोप है कि यहां डाॅक्टरों ने इंजेक्शन लगाया तो मासूम की अंगुलियां व हथेली लाल पड़ने लगीं।
शिकायत पर डाॅक्टर ने पट्टी बांधकर जल्द आराम होने का भरोसा दिया। चार दिन तक आरोपित झांसा देते रहे। 12 अक्टूबर को डाॅक्टरों ने नवजात को गंभीर बताकर हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। स्वजन मासूम को बिसरख के निक्स अस्पताल ले गए। यहां भी चिकित्सकों ने एनआईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा, पर शिवम ने इकलौती बेटी को नोएडा चाइल्ड पीजीआई में भर्ती करा दिया। यहां चार डाॅक्टरों की टीम इलाज कर रही है।
एक गलती से परिवार तबाह
निदेशक डाॅ. अरुण कुमार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अस्पताल की लापरवाही ने अब एक ऐसे संकट में धकेल दिया है, जहां पीड़ित अपनी मासूम बेटी की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। सवाल यह भी है कि क्या पीड़ित कभी अपनी बेटी की मुस्कान को बिना दर्द के देख पाएगा?
इस घटना को केवल ‘गलत इंजेक्शन’ का मामला कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह एक परिवार के सपनों के टूटने की कहानी है। एक मां के दर्द की गूंज है और एक नन्हीं जान की पीड़ा है। यह घटना एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही सिर्फ एक गलती नहीं, एक जीवन की कीमत होती है।
नर्सिंग होम का लाइसेंस रद की मांग
शिवम ने गोपाल नर्सिंग होम के डाक्टरों पर इकलौती बेटी को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाकर दादरी पुलिस को लिखित शिकायत दी। दादरी पुलिस ने पिता शिवम भाटी की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर मामले में कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।
वहीं, थाना प्रभारी अरविंद कुमार का कहना है कि मामले की गंभीरता समझकर तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा गया है। सीएमओ को मामले से अवगत कराकर तुरंत कमेटी गठित कर कानूनी कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट आते ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी-सीएमओ पहुंचे चाइल्ड पीजीआई
सीएमओ डाॅ. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. ब्रजेश कुमार, डिप्टी सीएमओ रविंद्र कुमार व मैटरनिटी विंग के प्रभारी डाॅ. रविंद्र सिरोहा की कमेटी बनाई है। तीनों से मामले में महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ रिपोर्ट मांगी है। डाॅ. रविंद्र कुमार ने बताया कि मासूम बच्ची के अंगुली व हथेली में इंफेक्शन कैसे फैला है, इसकी जांच कर रहे हैं।
स्वजनों से वार्ता कर पूरा प्रकरण समझा है। एक सप्ताह में नवजात का ऑपरेशन होगा। उसके बाद ही कुछ कहा जाएगा। उधर, चाइल्ड पीजीआई के प्रवक्ता का कहना है कि मासूम के हाथ में गैंग्रीन (रक्त के प्रवाह की कमी से ऊत्तक का क्षय होना) हो गया है। एक सप्ताह में आपरेशन होगा। अभी बच्ची एनआईसीयू में भर्ती है।
आरोपित डाॅक्टरों ने नहीं दिया जवाब
इस प्रकरण में गोपाल नर्सिंग होम के डाॅक्टरों से पक्ष जानने के लिए उन्हें तीन से चार बार काॅल की गई। वाट्सएप पर मैसेज भी भेजा, लेकिन मैसेज पढ़ने के बावजूद किसी तरह कोई जवाब नहीं दिया गया।
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