नोएडा-गाजियाबाद के स्कूलों में गाड़ी लेकर नहीं आ सकेंगे नाबालिग छात्र, नियम के उल्लंघन पर होगी जेल
यदि कोई वाहन स्वामी 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माना से दंडित किया जाएगा। खास बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुर्घटना को रोकने के लिए 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र-छात्राओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र लाने पर कार्रवाई के दायरे में आएंगे। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लग गया है।
इन छात्रों के वाहन चलाने पर प्रतिबंध
नोएडा के एआरटीओ सियाराम वर्मा ने कहा कि यदि कोई वाहन स्वामी 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माना से दंडित किया जाएगा। खास बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुर्घटना को रोकने के लिए 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र-छात्राओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
परिवहन विभाग चलाएगा विशेष अभियान
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने बताया कि सात जनवरी तक विद्यालय प्रबंधन के साथ मिलकर परिवहन विभाग विशेष अभियान चलाएगा और ऐसे विद्यार्थियों की गाड़ी का चालान करेगा जो नियम विपरीत विद्यालय में वाहन लेकर आ रहे हैं। हर तीन महीने में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समित की बैठक होगी। वहीं जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हर साल जनवरी व जुलाई में सभी स्कूलों की बैठक होगी।यह भी पढ़ें- यूपी में स्कूली बच्चों के स्कूटी-बाइक चलाने पर रोक, लगेगा 25 हजार का जुर्माना, होगी तीन साल की जेल
उन्होंने केजीएमयू व डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यह भी जानकारी दी है कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले 40 प्रतिशत तक नाबालिग बच्चे जिनकी आयु 12 वर्ष से 18 वर्ष के बीच होती है। सिर्फ 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को 50 सीसी से कम क्षमता के इंजन वाली मोटरसाइकिल चलाने की छूट है।