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    Yamuna Authority: नीलामी से भूखंड आवंटन के लिए यीडा ने बदली नीति, न्यूनतम तीन आवेदन होंगे जरूरी

    Updated: Wed, 13 Nov 2024 09:30 PM (IST)

    Noida News यमुना प्राधिकरण ने नीलामी से आवंटित होने वाले भूखंडों के लिए नई नीति बनाई है। अब कम से कम तीन निविदा होना अनिवार्य होगा। डायनामिक प्रक्रिया को भी वापस ले लिया गया है। इस महीने आने वाली भूखंड योजनाओं में यह नीति लागू होगी। 19 भूखंडों की योजना में महज नौ आवेदन मिलने के बावजद बोली लगी और नौ भूखंडों का आवंटन हुआ।

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    Dynamic Bidding Process: यमुना प्राधिकरण कार्यालय। जागरण आर्काइव

    अरविंद मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने नीलामी से आवंटित होने वाले भूखंड लेकर एक बार फिर नीति में बदलाव कर दिया है। भूखंड की नीलामी के लिए कम से कम तीन निविदा होना अनिवार्य होगा। प्राधिकरण में डायनामिक प्रक्रिया को भी वापस ले लिया है। इसी माह आने वाली भूखंड योजनाओं में यह नीति लागू होगी।

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    भूखंड योजनाओं के साथ यमुना प्राधिकरण की आवंटन नीति भी लगातार बदल रही है। नीलामी से भूखंड आवंटन के लिए पूर्व में कम से कम तीन निविदा होने की अनिवार्यता थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर रोल ओवर नीति लागू कर दी गई।

    यानि योजना आने पर अगर उसमें तीन से कम आवेदन मिलते हैं तो एक-एक सप्ताह के लिए दो बार में आवेदन के लिए समय सीमा को बढ़ाया जाएगा, इसके बाद जो भी आवेदन मिलेंगे, उनके बीच बोली लगातार आवंटन कर दिया जाएगा।

    एक आवेदन मिलने की स्थिति को भांपते हुए प्राधिकरण ने कम से कम दो आवेदन मिलने की नीति बना ली। लेकिन आगामी योजना के लिए प्राधिकरण एक बार फिर न्यूनतम तीन आवेदन की अनिवार्यता पर आ गया है। तीन से कम आवेदन होने पर योजना रद हो जाएगी और नई योजना निकालकर फिर से आवेदन मांगे जाएंगे।

    बोली के लिए डायनामिक प्रक्रिया को भी यीडा की बाय-बाय

    प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने नीलामी के लिए भी डायनामिक प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। डायनामिक प्रक्रिया के तहत योजना में शामिल सभी भूखंडों के लिए सभी आवेदकों को बोली लगाने का अधिकार दिया गया था। जैसे-जैसे आवेदक को भूखंड का आवंटन हो जाता, वह अन्य भूखंड के लिए बोली से बाहर हो जाएगा। प्राधिकरण ने हाल में ग्रुप हाउसिंग भूखंड योजना के तहत आवंटन किया था।

    19 भूखंडों की योजना में महज नौ आवेदन मिलने के बावजद बोली लगी और नौ भूखंडों का आवंटन हुआ। हालांकि प्राधिकरण को इसमें खास फायदा नहीं हुआ। 970.16 करोड़ के सापेक्ष महज 1033.65 करोड़ रुपये ही मिले। प्राधिकरण को महज 6.5 प्रतिशत ही अधिक राशि मिली।

     बोली लगाने वालों की कम संख्या से नहीं मिली अच्छी रकम

    भूखंड का नीलामी के आधार पर आवंटन की नीति को प्राधिकरणों ने इस लिए अपनाया था कि उन्हें अधिक से अधिक राजस्व मिल सके। लेकिन रोल ओवर व तीन से कम आवेदन मिलने पर नीलामी की नीति लागू होने से प्राधिकरणों का अधिक राजस्व पाने का मकसद पूरा नहीं हो पाया। इसके साथ ही इस नीति को लेकर सवाल भी उठने लगे थे।

    डायनामिक प्रक्रिया को यीडा ने इस लिए अपनाया था, जिससे की भूखंड योजना को सफल होने से बचाया जा सके। एक आवेदन पर ही अधिक से अधिक भूखंडों के बोली का अवसर देकर आवेदकों की संख्या बढ़ाने और योजना की सफलता की गारंटी तय करने की कोशिश की गई थी, लेकिन ग्रुप हाउसिंग का हश्र देखकर यह मकसूद भी पूरा नहीं हुआ।

    विभिन्न श्रेणी के लिए भूखंड योजना जल्द आएंगी। नीलामी के लिए भूखंड के सापेक्ष न्यूनतम तीन आवेदन मिलना जरूरी होगा। डायनामिक प्रक्रिया से बोली लगाने की नियम को समाप्त कर दिया गया है।

    डा. अरुणवीर सिंह,यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी

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