नोएडा में यमुना का कहर, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा
नोएडा में यमुना के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है क्योंकि ओखला बैराज से हर घंटे पानी बढ़ रहा है। एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी पहुँच चुका है। प्रशासन और प्राधिकरण सतर्क हैं और बाढ़ग्रस्त क्षेत्र को खाली करा दिया गया है। प्रभावित लोगों के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं। 2023 में भी ऐसा ही खतरा हुआ था जब तटबंध तक पानी पहुँच गया था।

जागरण संवाददाता, नोएडा। यमुना हरनंदी बाढ़ क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि ओखला बैराज से आगे यमुना में प्रति घंटे चार हजार क्यूसेक पानी बढ़ रहा है। अब तक एक लाख दो हजार क्यूसेक पानी यमुना बाढ़ क्षेत्र में पहुंच चुका है।
हालांकि, अभी दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी नोएडा तटबंध तक पहुंचेगा। अब दो सितंबर को हथिनीकुंड 329313 क्यूसेक डिस्चार्ज पास हो चुका है। अगर 50 फीसदी पानी भी यहां पहुंच गया तो 36 घंटे में ओखला बैराज से यमुना बाढ़ क्षेत्र में डिस्चार्ज पहुंच जाएगा।
इसके चलते बुधवार देर रात यह पानी यमुना तटबंध को छू सकता है, क्योंकि यह पानी दो लाख से बढ़कर ढाई लाख क्यूसेक हो जाएगा। इसको लेकर प्राधिकरण से लेकर प्रशासन तक सभी सतर्क हो गए हैं।
बता दें कि वर्ष 2023 में जब यमुना में दो लाख से ढाई लाख क्यूसेक पानी पहुंचा था, तब पानी तटबंध तक पहुंचा था। इस साल नोएडा में 40 साल का रिकॉर्ड टूट गया, यमुना में 3.72 लाख क्यूसेक पानी पहुँच गया। इससे सेक्टर-151 के पास हरनंदी में यमुना का पानी बैकफ्लो हो गया।
इससे सेक्टर-151 से लेकर सेक्टर-145 स्थित नलगढ़ा गाँव तक जलमग्न हो गया। इसी खतरे को देखते हुए इस बार नोएडा प्राधिकरण ने यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र को पूरी तरह खाली करवा दिया।
प्राधिकरण ने अपनी गौशाला से मवेशियों को तो निकाला ही, साथ ही अन्य जगहों से लगभग 500 मवेशियों को सेक्टर-135 स्थित ग्रीन बेल्ट में पहुँचाया। इसके अलावा, सेक्टर-135 स्थित बारातघर में एक शिविर बनाया गया है, जहाँ यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से आने वाले लोगों ने अपना आश्रय स्थल बना लिया है।
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