ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा Yamuna Expressway, वेस्ट यूपी और हरियाणा के लोगों को होगा फायदा
Yamuna Expressway को Eastern Peripheral Expressway से जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण होगा। इस इंटरचेंज के निर्माण से पश्चिम उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विभिन्न जिलों के लोगों को फायदा होगा। इंटरचेंज में आठ लूप बनाए जाएंगे और इसकी कुल लंबाई 11 किलोमीटर होगी। ग्रेटर नोएडा होकर दोनों एक्सप्रेसवे के बीच दूरी कम होने के साथ आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए इंटरचेंज निर्माण का रास्ता मंगलवार को साफ हो गया। प्रदेश कैबिनेट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इंटरचेंज निर्माण की स्वीकृति दे दी।
एनएचएआई पहले ही सर्वे कार्य पूरा कर चुकी है। आठ लूप के इंटरचेंज के निर्माण से दोनों एक्सप्रेसवे आपस में जुड़ने के साथ यीडा की साठ मीटर चौड़ी सड़क से भी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इंटरचेंज निर्माण पर 270 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
यीडा नेएनएचएआई को सौंपी थी जिम्मेदारी
यमुना प्राधिकरण ने दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज निर्माण की जिम्मेदारी 2019 में दिल्ली की देव एस कंपनी को सौंपी थी, लेकिन किसानों से जमीन न मिलने पर इंटरचेंज का निर्माण शुरू नहीं हो पाया। जमीन का रोड़ा दूर होने पर इंटरचेंज की बढ़ी 22 करोड़ रुपये निर्माण लागत को लेकर पेंच फंस गया।
यीडा ने इंटरचेंज निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई को सौंपी थी, लेकिन कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के इंतजार में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता था। मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।
यमुना एक्सप्रेसवे के 10 किमी प्वाइंट पर जगनपुर अफजलपुर गांव के नजदीक इंटरचेंज निर्माण के लिए साठ हेक्टेयर जमीन पहले ही अधिगृहीत की जा चुकी है। इंटरचेंज की लागत एनएचएआई वहन करेगा। इसकी वसूली के लिए वह टोल शुल्क वसूल करेगा।
पश्चिम उत्तर प्रदेश और हरियाणा के जिलों को होगा फायदा
इंटरचेंज के निर्माण के हरियाणा व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों को फायदा होगा। इसमें गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, मेरठ, मथुरा, आगरा, अलीगढ़ के अलावा हरियाणा के सोनीपत आदि जिले शामिल हैं। इंटरचेंज से एक एक्सप्रेसवे से दूसरे एक्सप्रेसवे के बीच आवाजाही आसान हो जाएगी।
15 से 20 किमी दूरी होगी कम
ग्रेटर नोएडा होकर दोनों एक्सप्रेसवे के बीच आवाजाही के लिए 15 से 20 किमी दूरी कम हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होने के साथ परीचौक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा की कासना क्षेत्र की सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा। ईंधन और समय की बचत होगी।
इंटरचेंज में बनेंगे आठ लूप
इंटरचेंज के निर्माण में आठ लूप बनाए जाएंगे। इनकी कुल लंबाई 11 किलोमीटर होगी। चार लूप उतरने व चार लूप चढ़ने के लिए बनाए जाएंगे। यीडा की साठ मीटर सड़क भी इंटरचेंज से जुड़ेगी। इससे यीडा क्ष्ज्ञेत्र के सेक्टरों की सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट आने वाले यात्रियों को भी सहूलियत होगी।
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