World Pneumonia Day 2022: बच्चों के फेफड़ों को छलनी कर रहा धूल, धुआं और धूमपान
बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 12 नंवबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day 2022) मनाया जाता है। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए घरों पर धूमपान न करें। इससे बच्चों के फेफड़े पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। World Pneumonia Day 2022 : धूल-धुएं के कारण बढ़ा हुआ वायु प्रदूषण और घरों में धूमपान की लत से बच्चों के फेफड़े छलनी हो रही है। हालत बिगड़ने पर बच्चों को इंटेसिव केयर यूनिट (आइसीयू) और वेंटिलेटर पर रखना पड़ रहा है। डाक्टरों ने बच्चों को निमोनिया के कारण छलनी हो रहने फेफड़ों को बचाने को लिए बच्चों को प्रदूषित हवा के दौरान बाहर जाने से रोकने और बड़े-बुजुर्गों द्वारा घर में धूमपान नहीं करने की सलाह दी है।
वायु प्रदूषण से बढ़ रही बच्चों की परेशानी
सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ के डीन डा. डीके सिंह ने कहा कि बढ़े हुए वायु प्रदूषण के कारण बच्चों की परेशानी बढ़ गई है। जो महिलाएं धूमपान करती हैं या जिनके घर में पुरुष धूमपान करते हैं तो वहां उसका असर छोटे बच्चों पर भी पड़ता है। बच्चों को दमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस एवं फेफड़े के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसलिए घरों में धूमपान नहीं करें।
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निमोनिया से होता है फेफड़ों में इंफेक्शन
फेलिक्स अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके गुप्ता का कहना है कि निमोनिया के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। फेफड़ों में सूजन आ जाती है। कई बार पानी भर जाता है। बच्चों का समय से टीकाकरण करवाकर निमोनिया के खतरों से बचा सकते हैं। निमोनिया का टीका न्यूमोकोकल कंजुगेट है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डा. राजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों को निमोनिया से बचाने न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) लगवानी चाहिए। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यह टीका निश्शुल्क लगाया जाता है। बच्चों को पहला डोज छह सप्ताह, दूसरा 14 सप्ताह एवं बूस्टर डोज 9 माह में दी जाती है।
इन बातों का रहें ध्यान
- बच्चों को ठंड से बचाएं
- नवजात को पूरे कपड़े पहनाएं
- गुनगुने तेल से शिशु को मालिश करें
- इस्तमेाल टिशू को तुरंत डिस्पोज करें
- खांसते और छींकते समय मुंह पर हाथ रखें
- छोटे बच्चों को छूने से पहले हाथों को साबुन से धोएं
निमोनिया के लक्षण
- सांस तेज लेना-पसलियां चलना-खांसी
- सीने में दर्द-कफ की आवाज आना-खांसते समय छाती में दर्द-कंपकंपी
- मांसपेशियों में दर्द-तेज बुखार और सांस लेने में मुश्किल-उल्टी होना
- पेट व सीने के निचले हिस्से में दर्द होना
बच्चों की डाइट पर दें ध्यान
मेट्रो अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मेघना फड़के ने बताया कि बच्चों में निमोनिया का खतरा उन्हें सर्दी से बचाकर और सफाई का ध्यान रखकर घर वाले कम कर सकते हैं। सफाई रखने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। बच्चों की डाइट पर ध्यान दें। बुखार आने या फिर सांस लेने में समस्या होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं।
चाइल्ड पीजीआइ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके सिंह ने कहा कि प्रदूषण के कारण बच्चों के फेफड़े और दमा की बीमारी बढ़ जाती है। कुपोषण के कारण भी बच्चों को निमोनिया होता है। इसलिए बच्चों को सही डाइट जरूरी है। बच्चों को समय से पीसीवी टीका लगवाएं। बच्चों को शुरुआती छह माह तक बोतल से दूध के बजाए स्तनपान कराए। विटामिनए- की नियमित की खुराक दी जाए।
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