World Earth Day 2025: सौर ऊर्जा से एक परिवार सालाना कम कर सकता चार टन कार्बन उत्सर्जन, 100 पेड़ लगाने के बराबर
इस वर्ष पृथ्वी दिवस पर सौर ऊर्जा के महत्व पर जोर दिया गया है। सौर ऊर्जा अपनाने से कार्बन उत्सर्जन कम करने और बिजली के बिल में 80% तक की कमी लाने में मदद मिल सकती है। नोएडा में सोलर पैनल लगाने में लोगों की रुचि बढ़ी है जिससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिल रहा है। World Earth Day 2025 में renewable energy पर जोर दिया जा रहा है।
अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। इस बार अप्रैल में दो वर्ष बाद तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है। जलवायु परिवर्तन इसका बड़ा कारण है, क्योंकि ग्रीन हाउस गैस (कार्बन डाइ आक्साइड, मीथेन, ओजोन, नाइट्रस, आक्साइड) का उत्सर्जन बढ़ रहा है।
ये गैस वातावरण को गर्म करती हैं। ग्रीन हाउस गैस की मात्रा अधिक न बढ़े इसके लिए रिन्युएबल ऊर्जा पर निर्भरता अधिक बढ़ानी होगी। जीवाश्म ऊर्जा के उपयोग से ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन अधिक होता है। जीवाश्म ऊर्जा में पानी की खपत भी अधिक होती है। यही कारण है कि सौर ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
सौर ऊर्जा से नहीं होता ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन
एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि एक भारतीय परिवार सौर ऊर्जा का प्रयोग करता है तो वह सालना तीन से चार टन कम कार्बन उत्सर्जन करेगा, जोकि 100 पेड़ लगाने के बराबर है।
दरअसल सौर ऊर्जा से ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन नहीं होता, पानी की खपत भी न के बराबर होती है, बिजली बिल भी के बोझ कम होने के साथ ही अधिक बिजली उत्पादन होने पर बेच भी सकते हैं। सबसे अधिक लाभ धरती के बढ़ते तापमान को रोकने में रिन्युएबल एनर्जी एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं, जो आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है।
जिले में सोलर पैनल में बढ़ी रुचि, 27 हजार ने किए आवेदन
गौतमबुद्ध नगर में लोगों की सोलर पैनल लगाने में रुचि बढ़ी है। यूपीनेडा के सीनियर प्रोजेक्ट अधिकारी श्रीराम ने बताया कि जिले को 80 हजार पैनल लगाने का लक्ष्य मिला है। 27 हजार से अधिक आवेदन अब तक मिल चुके हैं। सात हजार से अधिक घरों में लग भी चुका है। ग्रामीण इसमें अधिक रुचि दिखा रहे हैं।
ग्रामीण जागरूक 16 घरों में लगवाए सोलर पैनल
सिरसा गांव के पूर्व प्रधान प्रकाश प्रधान ने अपने घर में सौर पैनल लगाने के साथ ही गांव के 16 घरों में सोलर पैनल लगवाए हैं। एनपीसीएल, यूपीनेडा व बैंकों के अधिकारियों को एकसाथ लाकर गांव में शिविर लगवा रहे हैं।
प्रकाश प्रधान ने बताया कि अब वे गांव से सटे सेक्टरों जैसे ज्यू एक व दो, सिग्मा एक व दो में भी आरडब्ल्यूए व निवासियों के साथ अधिकारियों की बैठक करा सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
प्राधिकरण ने लगाया एक मेगावाट का प्लांट
रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी चाई-फाई में एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया है। यह बिजली एनपीसीएल को बेची जा रही है। इस पर 12.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 3068 पैनल लगाए गए हैं।
80 प्रतिशत कम बिजली बिल
स्टार्टअप स्काइलेंसर सोलर के निदेशक व युवा उद्यमी नीरज कुमार ने बताया कि देश में सौर ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। 2025 तक देश में लगभग 100 गीगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लग चुके हैं। 13.4 वृद्धि दर से 2030 तक 280 गीगावाट तक पहुंचन सकता है।
घरों के लिए, सौर ऊर्जा बहुत ही लाभदायक है, जिसमें बिजली के बिलों में 80 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। पर्यावरण की दृष्टि से, सौर ऊर्जा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में योगदान देती है।
क्या बोले सोलर पैनल लगवाने वाले लोग?
सौर ऊर्जा पर स्विच करने वाला एक औसत भारतीय परिवार सालाना लगभग तीन से चार टन कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकता है, जो हर साल 100 से अधिक पेड़ लगाने के बराबर है। सिरसा गांव के सत्यपाल ने बताया कि सोलर पैनल लगवाने से पहले घर के बिजली का खर्च करीब नौ हजार रुपये प्रतिमाह आता था।
सोलर पैनल की बिजली से सिंचाई का काम हो जाता है। अब बिजली बिल करीब चार हजार रुपये प्रतिमाह आता है, सर्दियों में यह और भी कम हो जाता है। सेक्टर बीटा दो निवासी रामवीर ने बताया कि उन्होंने पांच किलोवाट क्षमता का पैनल लगाया हुआ है।
पहला फायदा यह कि पूरे दिन निर्बाध बिजली मिलती है। आंधा, वर्षा के दौरान कट को कोई समस्या नहीं। दूसरा लाभ बिजली बिल करीब 7 प्रतिशत कम हो गया है। रात में ही एनपीसीएल की बिजली इस्तेमाल करनी पड़ती है।
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