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    Wildlife Noida: सूरजपुर वेटलैंड में विदेशी पक्षी दोगुने से अधिक बढ़े, 20 प्रतिशत घटी प्रजातियां

    By Vaibhav TiwariEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Wed, 11 Jan 2023 04:32 PM (IST)

    Wildlife Noida प्रवासी पक्षियों के आगमन में भले ही इस वर्ष देरी हुई है लेकिन ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर वेटलैंड में पक्षियों की संख्या पिछले वर्ष से अधिक दर्ज की गई है हालांकि पक्षियों के प्रजाति में कमी आई है।

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    नोएडा के सूरजपुर वेटलैंड में पहुंचे विदेशी परिंदे

    वैभव तिवारी, नोएडा: प्रवासी पक्षियों के आगमन में भले ही इस वर्ष देरी हुई है, लेकिन ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर वेटलैंड में पक्षियों की संख्या पिछले वर्ष से अधिक दर्ज की गई है, हालांकि पक्षियों के प्रजाति में कमी आई है। पक्षी इस बार वेटलैंड में नवंबर से दिसंबर तक पहुंचते रहे हैं। अब तक वेटलैंड में ग्रे लैग गीज व बार हेडेड गीज पहली बार सबसे अधिक संख्या में पाए गए हैं। वहीं, इस समय नार्दन शोवलर व ग्रे लैग गीज सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं।

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    21 से 17 रह गई है स्थानीय प्रजाति

    एशियन वाटर बर्ड सेंसस (एडब्ल्यूसी) की तरफ से सोमवार को की गई गणना में सूरजपुर वेटलैंड में 3,137 पक्षी दर्ज हुए हैं, जो पिछले वर्ष 1,453 से अधिक है। वर्ष 2021 की अपेक्षा इस वर्ष पक्षियों की नौ प्रजाति सूरजपुर वेटलैंड में कम पहुंची हैं। इस बार पक्षियों की प्रजाति 37 रही, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 46 थी। स्थानीय प्रजाति 21 से 17 रह गई है। प्रवासी पक्षियों की प्रजाति पिछले वर्ष 25 थी, जो इस बार 20 पहुंच गई है।

    सेंट्रल एशिया व उत्तर एशिया से पहुंचे है पक्षी

    वेटलैंड में सेंट्रल एशिया से आने वाले पक्षियों में ग्रे लैग गीज 740 की संख्या में दर्ज किए गए हैं। वहीं नार्दन शोवलर की संख्या 672 व कामन टील की संख्या 373 दर्ज की गई है। वेटलैंड में दुर्लभ की प्रजाति कामन पोचार्ड, ब्लैक हेडेड आइबिस व ब्लैक नेक्ड स्टार्क के पक्षी मौजूद हैं, वहीं पिछले वर्ष में दुर्लभ पक्षियों की प्रजाति पांच थी।

    अधिक जलस्तर से प्रभावित हुए पक्षी

    वेटलैंड के पानी का जलस्तर अधिक दर्ज किया गया है। इसको निकालने में हुई देरी के कारण प्रवासी पक्षियों की संख्या प्रभावित हुई है। एशियन वाटर बर्ड सेंसस के स्टेट कार्डिनेटर टीके राय बताते हैं कि दिसंबर के महीने तक वेटलैंड में नौ प्रजाति के बत्तखों की संख्या मौजूद थी। हालांकि अधिक जलस्तर से दुर्लभ रूप से गणना के समय यह पक्षी दिखे हैं। वेटलैंड में अनियोजित तरीके से हुई सफाई व पिकनिक स्पाट बनने के कारण भी पक्षी प्रभावित हुए हैं। इससे कई पक्षी वेटलैंड छोड़कर चले गए हैं।