Noida: उज्बेकिस्तान में सिरप से 18 बच्चों की मौत मामले में सेंटर ने की कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश
उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत मामले में गौतमबुद्ध नगर की दवा बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की गई है। मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 नमूने लिए गए थे जिसमें से 22 में एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उज्बेकिस्तान में भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से दिसंबर 2022 में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में गौतमबुद्ध नगर की दवा बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। जिले के ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मैरियन बायोटेक से परीक्षण के लिए 36 नमूने लिए गए थे, जिसमें से 22 नमूनों में एथिलीन ग्लाइकोल की मिलावट मिली। इसके बाद केंद्र ने राज्य ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की।
3 फरवरी को कंपनी के तीन लोग हुए थे गिरफ्तार
18 बच्चों की मौत के मामले में फेज तीन कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को आपरेशन हेड सहित कुल तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर इस मामले में कंपनी के निदेशक सचिन जैन और जया जैन के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था।
दोनों की गिरफ्तारी के लिए दी जा रही दबिश
दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें दिल्ली और लखनऊ सहित अन्य ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि कंपनी परिसर से जब नमूने लिए गए थे,उसके बाद ही दोनों फरार हो गए थे। इस समय दोनों निदेशकों का मोबाइल बंद है।
निदेशकों के करीबियों से संपर्क स्थापित कर दोनों के बारे में पुलिस की टीमें जानकारी जुटा रही हैं। कंपनी परिसर से कुल 36 नमूने लिए गए थे,जांच में इसमें से 22 फेल हो गए थे। इसके बाद गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष कोंडल ने दोनों निदेशकों सहित कुल पांच लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कराया था।
कफ सिरप की निर्माता कपंनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों पर जैसे की केस दर्ज कराया गया,पुलिस ने तीन आरोपितों को धर दबोचा। गिरफ्त में आए आरोपितों में कंपनी के अधिकारी बिसरख के अतुल रावत, बंगाल के तुहिन भट्टाचार्य और गाजियाबाद के मूल सिंह शामिल हैं।

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