नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में बीएमटी यूनिट तैयार, अब नहीं जाना होगा दिल्ली और लखनऊ
बच्चों के इलाज के लिए अब नोएडावासियों को दिल्ली और लखनऊ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। थैलेसिमिया और हीमोफिलिया समेत 30 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बाल मरीजों का इलाज नोएडा में ही हो सकेगा। चाइल्ड पीजीआइ में बीएमटी यूनिट तैयार हो गई है। अस्पताल के चौथे तल पर आठ बेड की यूनिट बनाई गई है। यह यूनिट करीब चार करोड़ से बनाई गई है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। थैलेसिमिया और हीमोफिलिया समेत 30 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त प्रदेश के बाल-मरीजों को अब बोनमेरो ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली एम्स व लखनऊ के एसजीपीजीआई के चक्कर नहीं काटने होंगे।
चार करोड़ से बनाई गई है यूनिट
सेक्टर-30 के चाइल्ड पीजीआई में करीब चार करोड़ रुपये की लागत से आठ बेड की बोनमेरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) यूनिट बनाई गई है। 15 जनवरी को उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक यूनिट का फीता काटकर उद्घाटन करेंगे।
खास बात है कि चौथे तल पर यूनिट में बीएमटी के लिए तीन डॉक्टर और 30 नर्स व अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी हो गई है। उद्घाटन के दिन से ही यहां यूनिट काम करने लगेगा। वहीं, जिला अस्पताल में डीएनबी छात्र-छात्राओं के लिए एकेडमिक जोन व नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए एसएनसीयू का भी उद्घाटन होगा।
आठ बेड पर मिलेगी ट्रांसप्लांट की सुविधा
अस्पताल के निदेशक प्रो डॉ. अरूण कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के बाद नोएडा स्थित चाइल्ड पीजीआई में बाल मरीजों में बोनमेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा बढ़ाई है। पहले सिर्फ एक बेड पर मरीज का इलाज किया जाता था। अब आठ बेड पर ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जाएगी।
उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक देंगे सौगात
चौथे तल पर यूनिट में हीमोटोलाजी आन्कोलाजी की विशेषज्ञ डॉ. नीता राधाकृष्णन के साथ दो चिकित्सक और 30 स्टाफ नर्स को नियुक्त किया है। यूनिट शुरू करने के लिए अधिकारियों से वार्ता की थी। तय हुआ कि उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक फीता काटकर यूनिट का शुभारंभ करेंगे। उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद महेश शर्मा, विधायक पंकज सिंह व अन्य पार्टी नेता भी रहेंगे।
यूनिट में बाल मरीजों के लिए अलग कमरा बनाकर बेड व सभी इमरजेंसी व्यवस्थाएं की हैं। बीमारी से ध्यान खींचने के लिए एक और पांच नंबर कमरे में दीवारों पर समुंद्र की खोज, दो व छह नंबर कमरों में मोगली की दुनिया, तीन और सात नंबर कमरों में मिशन मंगल जबकि चार व आठ नंबर कमरे में लहरों की सवारी शीर्षक के साथ पेटिंग बनाकर कार्टूनों की कहानी दर्शायी है।
.jpg)
मरीज और अभिभावकों के लिए तैयार 100 सवाल-जवाब की किताब
डॉ. नीता ने बताया कि थैलेसिमिया और अन्य गंभीर बीमारी में बाल-मरीजों को क्या करना चाहिए, अभिभावकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे 100 सवालों पर 100 जवाब के साथ किताब तैयार की है। जिसका शीर्षक जियो और जीने दो रखा है।
हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में इस किताब को भी मुख्य अतिथि बृजेश पाठक और अन्य अतिथि कार्यक्रम में लॉन्च करेंगे। डॉ. नीता का कहना है कि यूनिट तैयार होते ही दिल्ली व उत्तर प्रदेश के अन्य अस्पतालों से बीएमटी के लिए काल आनी शुरू हो गई हैं जबकि अस्पताल में ही बाल-मरीजों के ट्रांसप्लांट के लिए करीब 60 की वेटिंग चल रही है।
जिला अस्पताल में भी एकेडमिक जोन और एसएनसीयू होगी शुरू
सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में भी उप मुख्यमंत्री डीएनबी छात्र-छात्राओं के लिए एकेडमिक जोन, नवजात शिशुओं के लिए बनी 12 बेड की एसएनसीयू का भी फीता काटकर उद्घाटन करेंगे। सीएमएस डा. रेनू अग्रवाल व अन्य प्रबंधन के लोग तैयारियों में जुटे हैं।
सभी विभागों के रजिस्टर व रिकार्ड पूरा करने में डॉक्टर व स्टाफ लगे हैं। करीब 10 लाख रुपये की लागत से एसएनसीयू बनाई है। इसमें स्टाफ व डॉक्टरों को अपाइंट कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल में अन्य सुविधाओं के लिए भी उप मुख्यमंत्री से मांग हो सकती है। हालांकि, अभी अधिकारी कुछ बता नहीं रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।