UPSC Topper: मां स्कूल में सहायिका... बेटी बनी IAS; तीन बार मिली असफलता पर नहीं मानी हार, चौथी बार में...
बेहद सामान्य परिवार से आने वाली पिंकी पहले तीन प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण नहीं कर पाई थी लेकिन वह अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुई और चौथे प्रयास में सफलता 948 वीं रैंक हासिल की। पिंकी अपने परिवार में पहली आईएएस है। रिश्तेदारी में भी दूर तक कोई नहीं है। पिंकी ने बताया कि वह सामान्य परिवार से आती है लेकिन...।

अजय चौहान, नोएडा। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। महाकवि सोहन लाल द्विवेदी की इन पंक्तियों को नोएडा की सेक्टर-45 काशीराम कॉलोनी में रहने वाली पिंकी मसीह सही मायने में चरितार्थ किया है।
बेहद सामान्य परिवार से आने वाली पिंकी पहले तीन प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण नहीं कर पाई थी, लेकिन वह अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुई और चौथे प्रयास में सफलता 948 वीं रैंक हासिल की।
दूर की रिश्तेदारी में भी नहीं है कोई आईएएस
पिंकी अपने परिवार में पहली आईएएस है। रिश्तेदारी में भी दूर तक कोई नहीं है। पिंकी ने बताया कि वह सामान्य परिवार से आती है, लेकिन पढ़ाई को लेकर हमेशा से ही उनके स्वजन ने प्रोत्साहित किया।
उनकी मां फादर एग्नेल स्कूल में सहायिका काम करती हैं और सही मायने में मां के चलते ही उनकी पढ़ाई अच्छी से हो पाई। उन्होंने फादर एग्नेल से ही स्कूली शिक्षा पूरी की।
12वीं में उनके 91 प्रतिशत अंक थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से फिजियोथेरेपी में स्नातक प्रवेश लिया। वह विश्वविद्यालय टॉपर रहीं। उसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की, लेकिन यहां पर मेहनत और भाग्य ने उनके धैर्य की पूरी परीक्षा ली।
सी-सैट ने शुरुआत में किया परेशान
पहले तीन प्रयास में सी-सैट के चलते वह प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं निकाल पाई, लेकिन मैदान में डटी रही। वह ईमानदारी से प्रयास कर रही थी तो भरोसा था कि सफलता जरूर मिलेगी।
पिंकी का वैकल्पिक विषय मानव विज्ञान था। तैयार कर रहे छात्रों को उनकी यही सलाह है कि पहले अखबार पढ़ना शुरू करें। यहां से करंट अफेयर्स मजबूत होगा।
इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। फिर एनसीईआरटी पढ़ना शुरू करें। उसके बाद आगे बढ़े। इससे आप का बेस तैयार हो जाएगा।
डॉ. आंबेडकर पुस्तकालय से की तैयारी
पिंकी की तैयारी में दलित उत्थान सेवा समिति की तरफ से सेक्टर-37 डा. भीमराव आंबेडकर पुस्तकालय की भी अहम भूमिका रही। उन्होंने पुस्तकालय में पढ़कर अपनी तैयारी को धार दी।
यहां की पठन सामग्री का उपयोग किया। पुस्तकालय के संरक्षक गणेश जाटव ने बताया कि वह बहुत ही होनहार छात्रा है। उनकी उपलब्धि दूसरे छात्रों को भी प्रोत्साहित करेगी।
बुधवार को पुस्तकालय प्रबंधन ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर बालक राम प्रधान, भीमराज जाटव, पीतम सिंह, राजेंद्र ठेकेदार, सतपाल सिंह, उदय सिंह, कमल सिंह, जगत सिंह, राजकुमार समेत अन्य उपस्थित रहे।
हर्षिता ने बिना कोचिंग हासिल की 214वीं रैंक
सेक्टर-134 जेपी कासमस सोसायटी में रहने वाली हर्षिता शर्मा ने मंगलवार को जारी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के परिणामों में 214वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने ने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है।
मूलत: पंजाब के पटियाला की रहने वाली हर्षिता ने बिना कोचिंग के तैयारी की। साथ ही पहले दो प्रयास में वह प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण नहीं कर पाई थी। ऐसे में तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उनकी उपलब्धि बेहद खास है।
हर्षिता ने बताया कि एनसीईआरटी के साथ अपनी तैयारी शुरू करें और उसके बाद हर विषय की कोई एक प्रामाणिक पुस्तक को पढ़ें। अलग-अलग पुस्तकों की बजाय उसी को बार-बार पढ़े।
रिवीजन है महत्वपूर्ण
यूपीएससी की तैयारी में रिवीजन बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसी तरह करंट अफेयर्स के लिए भी कोई एक पत्रिका तय कर लें। यही उनकी सफलता का मूलमंत्र रहा। तनाव बिल्कुल भी न लें।
वह खुद परेशान हो गईं थीं। इसके चलते अच्छी खासी तैयारी के बावजूद वह पहले दो प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाई थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से जंतु विज्ञान में परास्नातक किया है।
सीएसआईआर नेट भी क्वालिफाई कर चुकी है। सिविल सेवा में भी उनका वैकल्पिक विषय जंतु विज्ञान ही था। स्कूली शिक्षा पंजाब से हुुई। 10वीं में 89 व 12वीं में 86 प्रतिशत अंक थे। उनके पिता राजेश शर्मा एक निजी कंपनी में कार्यरत है व मां मीना शर्मा गृहणी हैं।
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