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    UP Police Bharti Paper Leak: एसटीएफ ने वायुसेना के बर्खास्त कर्मी को नोएडा से दबोचा, अभ्यर्थियों से ऐंठता था लाखों रुपये

    Updated: Wed, 06 Mar 2024 05:55 PM (IST)

    एसटीएफ नोएडा ने यूपी पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में नोएडा में बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने कोतवाली सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-37 स्थित अरुण विहार कालोनी से वायुसेना के बर्खास्त कर्मी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड एक असली आधार कार्ड एक वायुसेना की आइडी का फर्जी कार्ड 26 एडमिट कार्ड 38 बैंक चेक बरामद हुए।

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    यूपी एसटीएफ ने पेपर लीक के आरोपी को दबोचा

    जागरण संवाददाता, नोएडा। एसटीएफ नोएडा ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में नोएडा में बड़ी कार्रवाई की है।

    टीम ने कोतवाली सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-37 स्थित अरुण विहार कालोनी से वायुसेना के बर्खास्त कर्मी को गिरफ्तार किया है।

    उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड, एक असली आधार कार्ड, एक वायुसेना की आइडी का फर्जी कार्ड, 26 एडमिट कार्ड, 38 बैंक चेक, चार चेकबुक, 14 पेज पुलिस भर्ती से संबंधित, दो डायरी, दो मोबाइल फोन और 500 रुपये बरामद हुए हैं।

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    लीक हुए पेपर के मामले में हुआ गिरफ्तार

    एसटीएफ के उपनिरीक्षक अक्षय परवीर कुमार त्यागी द्वारा कोतवाली सेक्टर-39 में दर्ज कराई एफआइआर में बताया कि प्रदेश में 17 व 18 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा आयोजित कराई गई थी। जिसका पेपर लीक होने के चलते परीक्षा निरस्त हो गई।

    लगातार चल रही है आरोपियों पर कार्रवाई

    पेपर लीक करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है। बीते मंगलवार को सूचना मिली कि झांसी में पकड़े गए गैंग का सरगना दिल्ली के मुखर्जी नगर में है।

    सूचना को पुख्ता कर टीम ने आरोपित को मुखर्जी नगर से पकड़ लिया। पकड़े जाने पर अपना नाम प्रमाेद कुमार पाठक बताया। साथ ही वायुसेना का आइडी कार्ड दिखाया और कहा कि वह अवकाश पर है और अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुखर्जी नगर आया हुआ है।

    वॉट्सएप पर अधिकतर चैट कर दी थी डिलीट

    जिसे पूछताछ के लिए नोएडा कार्यालय ले आए। मोबाइल चेक करने पर पता चला कि वॉट्सएप पर अधिकतर चैट डिलीट कर दी थीं। शुरुआत में खुद को निर्दोष बताने के बाद कुछ चैट के माध्यम से पेपर लीक करने संबंधी जानकारी मिली।

    आरोपित ने बताया कि वह वायुसेना में कारपोरल के पद पर कार्यरत था, लेकिन वर्ष 2022 में बर्खास्त हो गया और नोएडा के सेक्टर-37 स्थित अरुण विहार में रहता है।

    उसने वायुसेना के असली कार्ड का डुप्लीकेट कार्ड बनवा रखा है और पेपर लीक कर देने की एवज में वह तीन से 15 लाख रुपये तक वसूलता है।

    सॉल्वर बैठाने का भी करते हैं काम

    पूछताछ में बताया कि उसका चचेरा साला मोहन उर्फ मोना निवासी अलीगढ़ खैर है। वह झांसी में दर्ज मुकदमे में वांछित मोनू पंडित, गौरव, आशीष पालीवाल, अतुल पालीवाल के साथ मिलकर पेपर लीक कराने अथवा वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर सॉल्वर बैठाने का काम करते हैं।

    गौरव, आशीष, अतुल और माेनू पंडित की बनारस, झांसी, अलीगढ़ और बरेली में भी लैब हैं। यूपी पुलिस के पेपर के संबंध में पूछा तो बताया कि उसके और मोनू के पास पेपर बनारस के अखिलेश यादव और लखनऊ के राहुल ने भेजा था। इसके बाद आरोपित के घर पर छापेमारी की।

    जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य बरामद किए। डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि एसटीएफ की टीम ने कोतवाली सेक्टर-39 में मुकदमा दर्ज कराया है। एक आरोपित को गिरफ्तार किया है।