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    यूपी-दिल्ली समेत 5 राज्यों की हजारों इमारतें कभी भी हो सकती हैं धराशाई, लोगों की जान खतरें में Noida News

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Fri, 04 Oct 2019 07:54 PM (IST)

    सीमेंट फैक्ट्रियों में बनने वाली नकली सीमेंट से पांच राज्यों में कई हजार इमारतें व भवन बनाए जा चुके है।

    यूपी-दिल्ली समेत 5 राज्यों की हजारों इमारतें कभी भी हो सकती हैं धराशाई, लोगों की जान खतरें में Noida News

    ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग क्षेत्र में पकड़ी गईं सीमेंट फैक्ट्रियों में बनने वाली नकली सीमेंट से पांच राज्यों में कई हजार इमारतें व भवन बनाए जा चुके है। एक रात में एक फैक्ट्री में एक हजार बोरी नकली सीमेंट तैयार कर दी जाती थी। मेरठ में गत दिनों गिरे मदरसे में भी इसी फैक्ट्री की नकली सीमेंट का इस्तेमाल किया गया था।

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    इसके अलावा शाहबेरी सहित कई अन्य जगह जहां इमारतें व भवन कमजोर होने के कारण गिर चुके है, वहां नकली सीमेंट का इस्तेमाल किया गया। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व उत्तराखंड में नकली सीमेंट बनाने व बेचने वाला गिरोह सक्रिय है।

    नामी कंपनी के बोरे में भरकर बेचते थे नकली सीमेंट 

    फैक्ट्री मालिक को एक सीमेंट की बोरी पर डेढ़ सौ रुपये की बचत होती थी। बाजार में नामी कंपनी के बोरे में भरकर नकली सीमेंट को तीन सौ से चार सौ रुपये में बेचा जाता था। फुटकर के अलावा बिल्डर व सीमेंट कारोबारियों को नकली सीमेंट एक चेन सिस्टम के माध्यम से बेची जाती थी।

    पुलिस को मुखबिर से मिली थी सूचना

    एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि सीओ प्रथम नोएडा श्वेताभ पांडे को मुखबिर से नकली सीमेंट फैक्ट्री के संबंध में सूचना मिली थी। सूचना पर एसपी सिटी विनीत जायसवाल, सीओ श्वेताभ पांडे, सीओ राजीव सिंह की देखरेख में चार अलग-अलग टीमें गठित की गई। टीमों ने दो दिन तक छापेमारी कर 12 आरोपितों को दबोच कर अहम सुराग हासिल किए हैं।

    पुलिस जांच में पता चला है कि उत्तराखंड के कारोबारी आलोक जैन व जयंती पहले से एक दूसरे के जानकार है। जयंती फैक्ट्री मालिक व डीलर के बीच बिचौलिये की भूमिका में रहता था। वह बीते साल गाजियाबाद से भी नकली सीमेंट के मुकदमें में जेल जा चुका है। जयंती शिव दयाल नाम के व्यक्ति को अपना गुरु मानता है। शिव दयाल पहले से इस धंधे से जुड़ा है और कई बार जेल भी जा चुका है। गाजियाबाद में शिव दयाल ही नकली सीमेंट का सिंडीकेट बताया गया है।

    उत्तराखंड और राजस्थान में ले जाते थे नकली सीमेंट

    बिसरख में पकड़ी गई फैक्ट्री को हरेंद्र भाटी निवासी बिसरख संचालित करता था। उसने बताया कि दिल्ली के रहने वाले सुनील की फैक्ट्री नॉलेज पार्क क्षेत्र में है। इसके बाद पता चला कि उत्तराखंड का रहने वाला आलोक डीलर है जिसकी ऑर्डर पर नकली सीमेंट तैयार की जाती है। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि रेलवे यार्ड से भूरा बोरी चुरा कर लाता था। इसके अलावा आरोपित खुद भी बोरी ऑर्डर पर तैयार करवाते थे। राजस्थान में बोरी तैयार की जाती थी। नामी सीमेंट कंपनियों की बोरी में नकली सीमेंट भरकर बेचा जाता था।

    पुलिस की छापेमारी के दौरान फैक्ट्रियों में नौकरी करने वाले 15 कर्मचारी भी मिले। लेकिन उनका दोष नहीं मिलने पर कर्मचारियों को छोड़ दिया। उनको बताया गया था कि वे नामी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। जब्त की गई नकली सीमेंट को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। जिससे यह पता चल सके कि इससे हुआ निर्माण कितना कमजोर है। पहाड़ी क्षेत्र में नकली सीमेंट से कई जगह निर्माण किया गया है।

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