Lok Sabha Chunav: गौतमबुद्ध नगर में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, प्रत्याशियों को सता रहा हार का डर
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना है। इस सीट पर चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। नेताओं के लिए अपने बिरादरी के वोट बैंक को पार्टी प्रत्याशी के खाते में डलवाने की चुनौती है। अपने गोत्र और बिरादरी में कम वोट मिलने से दिग्गजों की प्रतिष्ठा पर कैंची चलेगी। इसी से भविष्य में उनका पार्टी में कद तय होगा।
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को जहां एक तरफ हार का डर सता रहा है, वहीं पार्टियों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। दिग्गज अपनी-अपनी बिरादरी और गोत्र बहुल क्षेत्र में अपनी पार्टी के प्रत्याशी को कितना वोट दिलाने में कामयाब होते हैं, यह उनके लिए चुनौती है।
इसी से भविष्य में उनका पार्टी में कद तय होगा। जानकार बताते हैं कि पार्टियों का नेतृत्व भी इसकी मानीटरिंग कर रही है। वह इसकी रिपोर्ट हाईकमान को देंगे। चुनाव में कम वोट मिलने पर उसका खामियाजा दिग्गजों को भी भुगतना पड़ सकता है।
नागर गोत्र के सपा की तरफ खिसकने का डर
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर और पश्चिमी उप्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। गौतमबुद्ध नगर में दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है। सपा के प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नागर भी नागर गोत्र से हैं। ऐसे में नागर गोत्र के सपा की तरफ खिसकने का डर भाजपा को है।
इसी वजह से सोमवार को सुरेंद्र नागर ने दुजाना गांव में नुक्कड़ सभा की। नागरों में कम वोट मिलते हैं तो भविष्य में सुरेंद्र नागर के पार्टी में कद पर असर पड़ेगा। दादरी विधायक तेजपाल नागर के लिए भी भाजपा को नागर गोत्र के वोट दिलवाना चुनौती होगी।
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गुर्जरों के कद्दावर नेता हैं नरेंद्र भाटी
पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी भी पश्चिमी उप्र के गुर्जरों के कद्दावर नेता हैं। भाटी गोत्र में उनका बड़ा प्रभाव रहता है। भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा को गुर्जरों के वोट दिलाने के लिए उन्होंने दनकौर क्षेत्र में सोमवार को गुर्जरों की बड़ी जनसभा कराई।
गुर्जरों के वोटों के लिए भाजपा हाईकमान ने उन्हें गौतमबुद्ध नगर के साथ बुलंदशहर की भी जिम्मेदारी दी है। गुर्जरों के कितने वोट दोनों जगह नरेंद्र भाटी कितनी वोट दिलवा पाते हैं, इससे भविष्य में उनका भी कद तय होगा। गत विधानसभा चुनाव में नोएडा से भाजपा विधायक पंकज सिंह करीब 67 प्रतिशत वोट लेकर जीते थे।
भाजपा प्रत्याशी को अपने विधान सभा से इतने मत दिलवाना चुनौती बन गया है। नोएडा में सपा नेता सुनील चौधरी, जितेंद्र यादव, दीपक विज, राकेश यादव, महेंद्र यादव, वीर सिंह यादव आदि द्वारा अपनी जाति के साथ शहरी वोट दिलवाना चुनौती है।
बसपा से प्रत्याशी हैं राजेंद्र सोलंकी
बसपा महानगर अध्यक्ष नरेश उपाध्याय को अपनी जाति के साथ बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी को नोएडा में वोट दिलवाना बड़ी चुनौती है। ठाकुरों में मजबूत पकड़ रखने वाले जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठाकुरों को साधने के लिए सतेंद्र सिसोदिया को क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।
माना जाता है साठा चौरासी व सहित ठाकुर बहुल गांवों में उनकी अच्छी पैठ है। ठाकुरों की नाराजगी के बीच रूठों को मनाकर धीरेंद्र सिंह और सतेंद्र सिसोदिया कितने वोट पार्टी प्रत्याशी महेश शर्मा को दिलवा पाते हैं, यह दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। बसपा में पूर्व मंत्री करतार नागर की मजबूत पकड़ है।
पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सतवीर नागर को मैदान में उतारा था। नागर समाज में दोनों की अच्छी पकड़ का परिणाम पिछले चुनाव में देखने को मिला था। सतवीर नागर ने लगभग पांच लाख वोट प्राप्त किए थे। यह देखना होगा कि दोनों पार्टी प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी के पक्ष में नागर समाज के वोट को साधने में करतार नागर व सतवीर नागर को कितनी सफलता मिलती है।
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