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    नोएडा के मुर्दाघर में महिला संग की थी अश्लीलता की हदें पार, अब CCTV कैमरों की निगरानी में रहेगा पोस्टमार्टम हाउस

    Updated: Mon, 26 Aug 2024 05:44 PM (IST)

    Noida Post mortem House नोएडा में पोस्टमार्टम हाउस को अय्याशी का अड्डा बनाया हुआ था। सफाईकर्मी ने पोस्टमार्टम हाउस के अंदर ही महिला मित्र को बुलाकर अश ...और पढ़ें

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    Noida Postmortem House नोएडा में पोस्टमार्टम हाउस में अश्लील हरकत का मामला। फाइल फोटो

    विभागीय अधिकारी सेक्टर-39 सीएमओ कार्यालय से रख सकेंगे नजर

    जागरण संवाददाता, नोएडा। Noida Postmortem House नोएडा में पोस्टमार्टम हाउस में अश्लीलता का मामला सामने आने के बाद सेक्टर-94 पोस्टमार्टम हाउस में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सोमवार को वाईफाई से लैस 12 कैमरों को पोस्टमार्टम हाउस में इंस्टाल करके कंट्रोल रूम बनाया गया है।

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    विभागीय अधिकारी अब पोस्टमार्टम हाउस में होने वाली गतिविधियों पर सेक्टर-39 सीएमओ कार्यालय से नजर रख सकेंगे। सीएमओ कार्यालय में एक मॉनिटरिंग टीवी लगाया गया है।

    महिला को बुलाकर उसके साथ सफाईकर्मी द्वारा अश्लीलता फैलाने के मामले में दैनिक जागरण ने ''पोस्टमार्टम हाउस में सुरक्षित नहीं शव'' शीर्षक के साथ प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित करके सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाया था।

    अब सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी

    पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर कक्ष, प्रवेश द्वार अज्ञात शव कक्ष, गैलरी में कैमरे लगए गए हैं। कैमरे लगने से पोस्टमार्टम हाउस में आने-जाने वाले लोगों पर निगरानी रखना आसान हुआ है। सुरक्षा में सुधार होगा और आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम हो सकेगी। यह पता चल सके कि सफाईकर्मी या अन्य कोई व्यक्ति कितनी बार शवगृह में गया और किस काम से गया है। सीसीटीवी कैमरों से पोस्टमार्टम प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।

    सीसीटीवी कैमरे से किसी भी विवाद की स्थिति में फुटेज को सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है। कर्मचारियों और आगंतुकों का व्यवहार बेहतर होगा, क्योंकि उन्हें पता होगा कि उन पर नजर रखी जा रही है। इससे पोस्टमार्टम हाउस में अनुशासन बना रहेगा।

    डिप्टी सीएमओ डा. जैसलाल का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। पोस्टमार्टम हाउस में अभी दो गार्ड की तैनात है। नोएडा प्राधिकरण से दो अन्य गार्ड की मांग की गई है।

    डॉक्टरों के देरी से आने के कारण शव के अंतिम संस्कार में देरी

    पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और फार्मासिस्ट के देरी से आने के कारण स्वजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर डॉक्टर दोपहर दो बजे पोस्टमार्टम के लिए पहुंचते और शाम पांच बजे तक पोस्टमार्टम करते हैं। इससे मृतकों के परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में देरी के कारण शवों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे परिवार के सदस्यों में नाराजगी और तनाव बढ़ जाता है। समस्या के कारण शवों का अंतिम संस्कार भी देर से हो पाता है। कई बार पोस्टमार्टम में देरी के कारण शव को सुरक्षित रखने के साथ अगले दिन अंतिम संस्कार करना होता है।

    डॉ. जैसलाल का कहना है कि डॉक्टर और फार्मासिस्ट के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचने का समय 10 बजे है। सभी डॉक्टर शव के साथ जरूरी पंचायतनामा के कागज नहीं पहुंचने के कारण देरी से पहुंचते थे। उन्हें निर्देशित किया है कि समय से पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

    विभागीय जांच में शेर सिंह दोषी

    पोस्टमार्टम हाउस में अश्लीलता फैलाने के आरोप में विभागीय जांच पूरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिप्टी सीएमओ डॉ. जैसलाल, डिप्टी सीएमओ डॉ. आरपी सिंह, डॉ. ऋषभ कुमार के नेतृत्व में बनी समिति ने पाया है कि शेर सिंह ही बरौला की महिला को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा था।

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    जांच समिति ने पाया है कि पोस्टमार्टम हाउस में तैनात ब्वाय दिनेश, अजय, विजेंदर की गैर मौजूदगी में उसने हरकत को अंजाम दिया। वहीं ड्यूटी पर तैनात गार्ड दुबे दूसरे कमरे में होने के कारण यहां आने वाली बाहरी महिला के अंदर होने की जानकारी नहीं कर सका था।

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    वहीं, घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद सेक्टर-126 कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज करके सफाईकर्मी शेरसिंह, वीडियो बनाने वाले परवेंदर और प्राइवेट एंबुलेंस के चालक भानू के साथ महिला को गिरफ्तार करके जेल भेजा है। जेल जाने के कारण सफाईकर्मी के बयान नहीं दर्ज किए जा सके हैं।