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    Supertech Tower Demolition: 13 वर्ष तक कोर्ट में लड़ी लड़ाई, सोसायटी के लोगों ने इकट्ठा किया था चंदा; 28 अगस्त को ध्वस्त होंगे सुपरटेक ट्विन टावर

    By GeetarjunEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 11:32 PM (IST)

    Supertech Tower Demolition सेक्टर-93ए के सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स और सियान) को ध्वस्त करने की तारीख अब नजदीक आ रही है। बिल्डिंग के पिलर्स में बिस्फो ...और पढ़ें

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    28 अगस्त को ध्वस्त होंगे सुपरटेक ट्विन टावर।

    नोएडा, जागरण संवाददाता। सेक्टर-93ए के सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स और सियान) को ध्वस्त करने की तारीख अब नजदीक आ रही है। बिल्डिंग के पिलर्स में बिस्फोटक लगाने का काम किया जा रहा है। दोनों टावर 28 अगस्त को गिरा दिए जाएंगे। आसपास की सोसायटी के लोगों ने टावरों के बिल्डर के खिलाफ लड़ने के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ी।

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    16 वर्ष से शुरू एपेक्स और सियान टावर की कहानी में व्यवस्था सुविधा अनुसार कई बार बदलती गई तो भ्रष्टाचार की बुलंद इमारत खड़ी हो गई। मामले में करीब 10 वर्ष पहले निवासियों ने अवैध टावर के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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    आसपास की सोसायटी के लोगों ने टावरों का किया था विरोध

    हालांकि दोनों टावरों को लेकर करीब 13 वर्ष पहले आसपास के टावरों में रहने वाले लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। 29 दिसंबर 2006 को पहली बार नक्शे में बदलाव कर एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के टावर नंबर 16 का मानचित्र जोड़ दिया गया।

    दोनों टावरों के बीच की दूरी 16 मीटर की जगह रखी थी 9 मीटर

    26 नवंबर को टावर नंबर-17 का नक्शा पास किया गया। दो मार्च 2012 को दोनों टावर की ऊंचाई 40 मंजिल और 121 मीटर की ऊंचाई निर्धारित कर दी गई। नेशनल बिल्डिंग कोड के नियम मुताबिक दोनों टावरों के बीच में 16 मीटर की दूरी होनी चाहिए, लेकिन यह दूरी नौ मीटर से भी कम रखी गई।

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    2008 में बिल्डर ने लोगों को कब्जा देना शुरू किया

    एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने बताया कि मास्टर प्लान में एपेक्स व सियान टावर की जगह को ओपन स्पेस के तौर पर दिखाया गया था। 2008 में सोसायटी में बिल्डर ने लोगों को कब्जा देना शुरू किया। 2009 में ही दोनों टावर के निर्माण पर बिल्डर और प्राधिकरण से शिकायत कर नक्शा पास करने के बारे में जानकारी मांगी गई।

    सोसायटी के लोगों ने किया चंदा इकट्ठा, कोर्ट ने गिराने का दिया आदेश

    इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। मामले में दिसंबर 2012 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए सोसायटी के 600 घरों से 17 हजार रुपये का चंदा लिया गया। 11 अप्रैल 2014 में प्राधिकरण ने दोनों टावर को तोड़ने का आदेश दिया।

    सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया गिराने का आदेश

    इस फैसले को सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 31 अगस्त 2021 को फैसला देते हुए दोनों टावर को तीन महीने में ध्वस्त करने का आदेश दिया, लेकिन तैयारियां पूरी नहीं होने से टावर ध्वस्त नहीं हुए।

    28 अगस्त चुनी गई ध्वस्तीकरण की तारीख

    10 अप्रैल 2022 को दोनों टावरों में टेस्ट ब्लास्ट हुआ। इसके बाद 21 अगस्त को टावर ध्वस्त होने की तिथि निर्धारित की गई। हालांकि एनओसी मिलने में देरी हुई। मामले में ध्वस्तीकरण एजेंसी एडफिस ने प्राधिकरण को पत्र जारी कर 28 अगस्त तक हर हाल में ध्वस्त कराने को कहा। इसके बाद 28 अगस्त को ध्वस्तीकरण की तिथि निर्धारित की गई है।

    आसान नहीं था बिल्डर के खिलाफ लड़ना

    सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने बताया कि बिल्डर के खिलाफ लड़ना इतना आसान नहीं था। हर स्तर पर चुनौती मिली। यह ऐतिहासिक है। अब तक देश में ऐसे किसी भी अवैध इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया है। लोगों का संघर्ष जीतेगा