Chinese Citizens Spy Case: श्रीप्रकाश शुक्ला का नेटवर्क तोड़ने वाले एसटीएफ के 'गुरु जी' ने संभाली चीनी नागरिक केस की जांच
Chinese Citizens Spy Case जासूसी के शक में पकड़े गए चीनी नागरिक के बिजनेस पार्टनर नटवरलाल का तीन दिन का रिमांड बढ़ा। इस केस की गंभीरता को देखते हुए अनुभवी अधिकारी को जांच के लिए लगाया गया है।
ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हत्या की 1998 में सुपारी लेने वाले कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का नेटवर्क तोड़ने व हवाला कारोबार की हर बारीकी जानने वाले एसटीएफ के गुरु जी डीएसपी पीके मिश्रा को चीनी नागरिक से जुड़े केस की जांच में लगाया गया है। आधिकारिक रूप से पीके मिश्रा सेवानिवृत्त हो चुके है।
इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जासूसी के शक व हवाला कारोबार के मामले में पकड़े गए चीनी नागरिक सु फाइ व उसके बिजनेस पार्टनर रविकुमार नटवरलाल का केस कितना गंभीर है। लखनऊ हेडक्वार्टर से पीके मिश्रा ग्रेटर नोएडा स्थित एसटीएफ आफिस पहुंच चुके है। सोमवार को उन्होंने नटवरलाल से पूछताछ की है।
गुरु जी के नाम से मशहूर पीके मिश्रा के आगमन के तुरंत बाद ही नटवरलाल की निशानदेही पर एसटीएफ ने कई सामान बरामद किया है, जो कि केस से जुड़े अहम साक्ष्य है। जासूसी के शक में पकड़े गए चीनी नागरिक का बिजनेस पार्टनर व हवाला के कारोबार से जुड़े रवि कुमार नटवरलाल को एसटीएफ ने सोमवार शाम कोर्ट में किया पेश।
एसटीएफ की तरफ से सात दिन का अतिरिक्त रिमांड मांगा गया। कोर्ट ने तीन दिन का रिमांड मंजूर कर दिया है। पुष्पेंद्र का पांच दिन का रिमांड पूरा होने पर सोमवार शाम उसे जेल भेज दिया गया है। बार्डर के रास्ते चीनी नागरिकों को बिना वीजा के भारत लाने में नटवरलाल की भी भूमिका रहती थी। पांच दिन के रिमांड पर एसटीएफ ने पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारी हासिल की है। तीन दिन का रिमांड बढ़ने से एसटीएफ कई अन्य राज से पर्दा उठाने की कोशिश करेगी।
नटवरलाल की निशानदेही पर यह सामान हुआ बरामद
नोट गिनने की मशीन, चिप प्रोसेसर, स्टांप पैड, गेट पास रसीद की बुकलेट, बीस हजार रुपये भारतीय करेंसी, पांच सौ रुपये का फेब्रिकेटेड नोट, 50 हांगकांग डालर, 86 युआन चीन करेंसी, 25 हजार रुपये इंडोनेशिया करेंसी, एक पबजी खेलने का यंत्र, मर्सडीज की चाबी, रिमोट डिवाइस, कार्ड रीडर, सात चाबी, तीन पैनड्राइव, चीन के नागरिकों का कोरोना कार्ड, चीन के नागरिकों के एयर टिकट, लुकिंग क्लब के तीन वीआइपी कार्ड, नौ विजिटिंग कार्ड, चीन के तीन सिम कार्ड, लैपटाप, टैब, हीटिंग मशीन, तीन लेजर लाइट, टेडी बियर, कैसिनो खेलने के टोकन, बैंक का विवरण, विभिन्न लोगों का पहचान पत्र।
यह है पूरा मामला
बीते 11 जून को नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में एसएसबी ने दो चीनी नागरिक लु लैंग और तो यूं हेलंग को बिना वीजा के पकड़ा था। दोनों 18 दिनों तक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के अवैध शराब के अड्डे व जेपी ग्रींस सोसायटी में रहे थे। दोनों को भारत में पनाह चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र नगालैंड निवासी पेटेख रेनुओ ने दी थी।
पनाह देने वालों को बीटा दो कोतवाली पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि अवैध रूप से सु फाइ भारत में रह रहा था, उसकी वीजा अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी। सु फाइ के कब्जे से भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ था, जो कि देश सुरक्षा में सेंध लगा रहा था। वह घरबरा गांव में चीनी नागरिकों के लिए एक ऐसा अवैध अड्डा चला रहा था जहां बार, पब, कैसिनो, स्पा समेत कई अन्य मनोरंजन के साधन एक साथ मौजूद रहते थे।
अवैध अड्डे पर भारतीय युवती से यौन उत्पीड़न के आरोपित ली शुलुन का भी आना जाना था। चीनी नागरिकों को इन सब अवैध कार्यों में नटवरलाल व उसके साथी पुष्पेंद्र, अशोक व अन्य मदद कर रहे थे। सु फाइ उसकी महिला मित्र पेटेख रेनुओ, नटवरलाल, पुष्पेंद्र, अशोक गिरफ्तार हो चुके है, जबकि कई अन्य फरार है।