Election 2024: गौतमबुद्ध नगर सीट से सपा का टिकट काटने का रहा है पुराना इतिहास, इससे पहले 2009 में भी किया था ऐसा
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर गौतमबुद्ध नगर सीट पर अपने प्रत्याशी को बदल दिया है। पहले सपा ने डॉ. महेंद्र नागर को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीद ...और पढ़ें

धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। सपा का लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी बदलने का पुराना इतिहास रहा है। सपा ने इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र भाटी को गौतमबुद्धनगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था।
इसके बाद नामांकन से पहले उनका टिकट बदलकर गढ़ के पूर्व विधायक मदन चौहान को टिकट दे दिया था। इसका क्षेत्र में जबरदस्त विरोध हुआ, तो मदन चौहान ने स्वयं आगे आकर अपना टिकट वापस कर दिया। सपा को फिर से नरेंद्र भाटी को प्रत्याशी बनाना पड़ा।
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2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने किया था ऐसा
वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने गौतमबुद्धनगर की दादरी सीट से पूर्व विधायक समीर भाटी को प्रत्याशी बनाया था। वह कई दिन तक चुनाव प्रचार कर इलाके में वोट मांगते रहे, लेकिन नामांकन से पहले उनका टिकट काटकर नोएडा के अशोक चौहान को दे दिया गया था।
इससे पार्टी में दो फाड़ हो गई। वहीं समीर भाटी रालोद से चुनाव लड़े। दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह 2012 के विधानसभा चुनाव में फकीर चंद्र नागर को दादरी विधानसभा से एक साल पहले यानी की 2011 में टिकट दिया गया था।
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2017 के चुनाव में रविंद्र भाटी को दिया था टिकट
एक साल तक उन्होंने गांव गांव जाकर अपने पक्ष में माहौल बनाया, लेकिन नामांकन से पहले उनका भी टिकट काटकर राजकुमार भाटी को दे दिया गया। उस समय पार्टी दो फाड़ तो नहीं हुई लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2017 के विधानसभा चुनाव में दादरी से सपा ने जलालपुर गांव के रहने वाले युवा और क्रांतिकारी नेता रविंद्र भाटी को टिकट दिया।
रविंद्र भाटी के साथ बड़ी संख्या में युवा वर्ग जुड़ा था। उनके पक्ष में माहौल बन ही रहा था कि नामांकन से पहले उनका भी टिकट काट दिया गया। राजकुमार भाटी को फिर से प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।
जब रविंद्र भाटी को फोन कर लखनऊ बुलाया गया...
राजकुमार भाटी के इंकार के बाद सपा मुख्यालय में रविंद्र भाटी को फोन कर लखनऊ बुलाया गया, लेकिन पार्टी ने रविंद्र भाटी को टिकट देने के बचाए गठबंधन में शामिल कांग्रेस को सीट दे दी। कांग्रेस और सपा गठबंधन से समीर भाटी चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
चुनाव पर कितना पड़ेगा असर?
सपा ने अपने पुराने इतिहास को दोहराते हुए एक बार फिर लोकसभा सीट के लिए घोषित प्रत्याशी डा महेंद्र नागर का टिकट काटकर नोएडा के राहुल अवाना को दे दिया है। इसका चुनाव पर कितना असर पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन पार्टी में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं।
कई बड़े नेताओं ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि हर चुनाव में हाईकमान जिले में फजीहत कराता है। इसका विपरीत असर संगठन के कार्यकर्ताओं और कार्यों पर पड़ता है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि वह शीघ्र ही कोई बड़ा निर्णय लेंगे। सूत्रों का दावा है की कुछ लोग चुनाव से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं।

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