बैंक परीक्षा का 50 हजार में सौदा, एग्जाम देने पहुंचा IIM इंदौर से MBA पास सॉल्वर दबोचा
नोएडा के फेज तीन थाना क्षेत्र में आईबीपीएस परीक्षा में एक सॉल्वर गिरफ्तार हुआ। वह मूल परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहा था। उसके पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। उसने 50 हजार रुपये में परीक्षा देने का सौदा किया था। फोटो में अंतर होने पर केंद्र के कर्मचारियों को शक हुआ। पुलिस को पता चला कि वह पहले भी कई बार फर्जी तरीके से परीक्षा दे चुका है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। आईबीपीएस बैंक की परीक्षा में मूल परीक्षार्थी की जगह पेपर देने के लिए पहुंचा आईआईएम इंदौर से एमबीए पास व गुरुग्राम की एमएनसी में कार्यरत सॉल्वर को फेज तीन थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल, लैपटाप और पांच हजार रुपये बरामद हुए हैं। उसने 50 हजार रुपये में परीक्षा देने का सौदा किया था।
लाइव व आवेदन फार्म में फोटो अलग-अलग होने पर केंद्र स्टाफ को शक हुआ। आधार कार्ड की जांच पर आरोपित का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य साथियों का पता लगाने में जुटी है। वह पहले भी पांच बार फर्जी तरीके से परीक्षा दे चुका है। वर्तमान में आईबीपीएस बैंक क्लर्क परीक्षा चल रही है।
लाइव फोटो भी खिंचवाया
नोएडा के सेक्टर 64 स्थित आदर्श परीक्षा केंद्र पर भी परीक्षा आयोजित की जा रही है। शनिवार को केंद्र पर मोहित कुमार मीना की भी परीक्षा थी, पर उसके स्थान पर बिहार के पटना के बाधाटीला गांव का विश्व भास्कर सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने के लिए पहुंचा। केंद्र में प्रवेश करते वक्त उसने अपना वेरिफिकेशन कराया और इसके साथ ही अपना लाइव फोटो भी खिंचवाया।
इसके बाद वह परीक्षा देने लगा, पर फोटो अलग होने पर स्टाफ को शक हुआ। उन्होंने जांच की तो आधार कार्ड पर फोटो में कुछ संदिग्ध दिखा। इस पर केंद्र स्टाफ ने पुलिस को बुलाकर आधार कार्ड की छानबीन की तो उसमें फोटो अलग मिली। इस पर केंद्र पदाधिकारी अभिषेक मिश्रा ने फेज तीन थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
उधर, इस संबंध में एडीसीपी सेंट्रल नोएडा शैव्या गोयल ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि वह शातिर किस्म का साल्वर है। वह वर्ष 2020 से फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहा है। पूर्व में भी कई बार परीक्षा दे चुका है। वह विभिन्न सरकारी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों से संपर्क करता है। उन्हें परीक्षा पास कराने का भरोसा दिलाता था। इसके एवज में पैसे लेता था।
इसके लिए मूल परीक्षार्थी के नाम पर फर्जी दस्तावेज (एडमिट कार्ड व आधार कार्ड) तैयार कराता है। एडीसीपी सेंट्रल नोएडा ने बताया कि उसने मोहित के भी आवेदन, एडमिट व आधार कार्ड फर्जी रूप से तैयार कराया था। इसके एवज में 50 हजार रुपये में सौदा किया था। वह एडवांस में 25 हजार रुपये ले चुका था। शेष रकम परीक्षा के बाद मिलनी थी।
पहले पांच बार दी परीक्षा, जांच जारी
शुरुआती जांच में पता चला है कि वह पांच साल से फर्जीवाड़ा कर रहा है। जानकारों की मानें तो वह पांच बार फर्जी रूप से परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दे चुका है। हालांकि पहले कभी पकड़ा नहीं गया है। पुलिस ये पता कर रही है कि वह पूर्व में कितनी बार परीक्षा दे चुका है। कितने परीक्षार्थियों को फर्जी तरीके से पास करा चुका है। उसके गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं।
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