Nipun Lakshya App: नोए़डा और ग्रेटर नोएडा में निपुण लक्ष्य ऐप से जांची गईं हजारों छात्रों की दक्षता
दरअसल आंकलन में छात्रों का परिणाम 70 प्रतिशत से कम रहता है तो संबंधित शिक्षक के साथ छात्र की दक्षता विकसित करने के लिए रणनीति तैयार की जाती है। अब इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिले के 511 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से तीन तक के करीब 30 हजार छात्रों की दक्षता निपुण लक्ष्य ऐप (Nipun Lakshya App) के माध्यम से जांची जा रही हैं।
भारत सरकार के अभियान निपुण भारत मिशन (Nipun Bharat Mission) के तहत परिषदीय विद्यालयों (Basic Schools) के छात्र भाषा व संख्या ज्ञान में कितना निपुण हो रहे हैं, जिसकी जांच करने के लिए छात्रों की परीक्षा ली जा रही है। इसके लिए विभाग तकनीक का सहारा ले रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक पांच लाख निपुण लक्ष्य ऐप (Nipun Lakshya App) डाउनलोड किए जा चुके हैं। निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से परखा जा रहा है कि छात्र अब तक कितने दक्ष हुए हैं और किस क्षेत्र में शिक्षक व अभिभावकों को मेहनत करने की जरूरत है।
शासन ने जारी किया निपुण लक्ष्य ऐप
स्टेट रिसोर्स ग्रुप की प्रमुख रश्मि त्रिपाठी ने बताया कि शासन की ओर से निपुण लक्ष्य ऐप (Nipun Lakshya App) जारी किया गया है, जिसके माध्यम से दक्षता का आकलन किया जा रहा है। ऐप में कक्षावार व विषयवार दक्षता आधारित प्रश्न दिए रहते हैं। सपोर्टिव सुपरविजन (Sports Supervision) के दौरान ऐप के माध्यम से छात्रों की सीखने की प्रगति का आकलन लगातार किया जा रहा है।
रणनीति तैयार कर होगा सुधार
अब तक हजारों छात्रों की प्रगति का आकलन किया जा चुका है। छात्रों के परिणामों को विषय का शिक्षण दे रहे शिक्षक और प्रधानाध्यापक के साथ साझा किया जाता है।
2025-26 तक निपुण प्रदेश बनाने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने 2025-26 तक निपुण प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) ऐश्वर्या लक्ष्मी ने बताया कि पठन-पाठन के लिए संदर्शिका(Guide), निपुण लक्ष्य तैयार करके शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षित कर रहा है। सभी छात्र पढ़ाई करें और रोज स्कूल आएं इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
शिक्षक करेंगे अहम बिंदु पर काम
पढ़ाई के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़कर रोचक व खेल-खेल के अंदाज में हिंदी भाषा (Hindi Language) व गणितीय दक्षताओं में उन्हें निपुण बनाया जा रहा है। जिन बिंदुओं पर छात्र कमजोर मिल रहे हैं। उन बिंदुओं पर शिक्षकों को अधिक काम करने के लिए कहा गया है।
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