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    'छुट्टी' के बाद ओपीडी में पहुंचे 4366 मरीज, नोएडा जिला अस्पताल में बना रिकॉर्ड

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 10:59 AM (IST)

    स्वतंत्रता दिवस के बाद नोएडा जिला अस्पताल में मरीजों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई। 4366 मरीजों ने डॉक्टरों से परामर्श लिया। सुबह से ही पंजीकरण काउंटरों पर लंबी कतारें लगी रहीं। सबसे ज्यादा मरीज जनरल फिजिशियन और एंटी रेबीज वैक्सीन केंद्र पर पहुंचे। वायरल बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई।

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    नोएडा जिला अस्पताल में लगी मरीजों की लाइन ।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। स्वतंत्रता दिवस के बाद सोमवार को जिला अस्पताल में डाक्टरों से इलाज कराने आए 4366 मरीजों का नया रिकार्ड बन गया। प्रबंधन का दावा है कि 14 अगस्त तक ओपीडी में चार हजार मरीजों ने डॉक्टराें से परामर्श लेने आते थे।

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    दैनिक जागरण ने तीन दिन की छुट्टी के बाद अस्पताल की व्यवस्था और परेशान मरीजों की स्थिति जानने के लिए पड़ताल की, जिसमें तस्वीर कुछ अलग नजर दिखीं। सुबह सात बजे से मरीज और उनके तीमारदार अस्पताल में पंजीकरण कराने के लिए काउंटर पर कतार में खड़े हो गए।

    आभा काउंटर के अलावा अन्य खिड़कियों पर भी मरीजों की संख्या अधिक थी। दो 12 बजे तक मरीजों की कतार कम होती नहीं नजर आ रही थी। काउंटर से पर्ची लेने के बाद मरीजों को ओपीडी में डाक्टर से परामर्श के लिए भी कतार में खड़े होना पड़ा।

    सबसे ज्यादा जनरल फिजिशियन और एंटी रेबीज वैक्सीन के केंद्र और बीपी जांच कराने के लिए ओपीडी के बाहर नजर आई। तीनों जगह पर दोपहर डेढ़ बजे तक 1500 मरीजों ने जांच कराकर परामर्श लिया।

    फिजिशियन डॉ. अनुराग सागर ने बताया कि छुट्टी के बाद सबसे ज्यादा वायरल बुखार, खांसी, जुकाम और थकान के बाद 250 से अधिक मरीज आए। तीन अन्य फिजिशियन के पास भी 350 से ज्यादा रोगियों ने इलाज कराया। हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में डा. बृजेश कुमार ने 200 से ज्यादा मरीजों की कतार थी जबकि हाथ और पैर में प्लास्तर कराने के लिए 20 से ज्यादा मरीज पहुंचे।

    सुबह 11:30 बजे एआरवी सेंटर पर नजारा काफी अलग था। यहां फार्मासिस्ट गिरेंद्र सिंह के साथ मेडिकल कालेज के विद्यार्थी भी लोगों का टीकाकरण करने में जुटे थे। यहां तीन बजे तक 450 से ज्यादा मरीजों ने सुरक्षा का टीका लिया।

    सेंटर के सामने मेडिसिन ओपीडी में बैठे चिकित्सक मोबाइल देखने में व्यस्त थे जबकि यहां इंटर्नशिप कर रहे मेडिकल छात्र मरीजों की बीमारी पूछकर दवाईयां लिख रहे थे। पहली बार दोपहर ढाई बजे तक अस्पताल में चार हजार से ज्यादा मरीजों पहुंचने पर रिकार्ड बना।

    कार्यवाहक सीएमएस डॉ. अजय राणा का कहना है कि 4366 मरीजों को ओपीडी में परामर्श दिया जबकि कई गंभीर मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया हुई। सभी डाक्टर और स्टाफ को पहले ही अलर्ट कर दिया था।