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    Noida News: कर्नाटक के PCO ने खोला चंद्रमोहन की मौत का राज, इंश्योरेंस की रकम के लिए रचा था नाटक

    By Pradeep Kumar ChauhanEdited By:
    Updated: Sat, 17 Sep 2022 11:36 PM (IST)

    Noida News प्रेमिका के चक्कर में ही चंद्रमोहन ने खुद की मौत का स्वांग रचा था। बीते एक मई 2014 की रात चंद्रमोहन की कार अल्फा सेक्टर के समीप जेपी गोल्फ कोर्स के नजदीक आग लगी अवस्था में मिली थी।

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    Noida News: पुलिस ने चंद्रमोहन को उसकी प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया था।

    ग्रेटर नोएडा जागरण संवाददाता। आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा की मौत के स्वांग का राज कर्नाटक के पीसीओ ने खोला था। पुलिस को पहला सुराग चंद्रमोहन शर्मा की प्रेमिका रही युवती के पिता ने दिया था। पिता ने पुलिस को बताया कि उसके पास एक लैंडलाइन नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा था कि उसकी बेटी तिरुपति बालाजी पर मिलेगी।

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    पुलिस ने लैंडलाइन नंबर की जांच की तो वह कर्नाटक के एक पीसीओ का निकला। तत्कालीन बीटा दो कोतवाली प्रभारी रहे दिवंगत इंस्पेक्टर समरजीत सिंह टीम के साथ कर्नाटक पहुंचे। वहां जांच की तो पता चला कि फोन चंद्रमोहन ने किया था। यह सुनकर पुलिस हैरान हो गई कि चंद्रमोहन जिंदा है। पुलिस ने चंद्रमोहन को उसकी प्रेमिका के साथ गिरफ्तार किया था।

    कुछ लोगों की ओर से किए गए दावे के बाद पुलिस ने कार में मिले शव का डीएनए कराया था। आज तक यह पता नहीं चल सका कि मरने वाला व्यक्ति कौन था? चंद्रमोहन ने खुद की हत्या का स्वांग रचकर सभी की मानवीय संवेदना हासिल की थी। उसको यकीन था कि स्वांग रचने के बाद उसकी पत्नी को इंश्योरेंस के लाखों रुपये मिलेंगे। वह अपनी प्रेमिका को हासिल कर लेगा।

    ससुराल पक्ष से जमीन को लेकर चल रही दुश्मनी में विपक्षी पक्ष जेल चले जाएंगे और उसको पत्नी से छुटकारा भी मिल जाएगा, लेकिन पुलिस के पर्दाफाश से वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका था। प्रेमिका के चक्कर में ही चंद्रमोहन ने खुद की मौत का स्वांग रचा था। बीते एक मई 2014 की रात चंद्रमोहन की कार अल्फा सेक्टर के समीप जेपी गोल्फ कोर्स के नजदीक आग लगी अवस्था में मिली थी।

    कार के अंदर से शव के अवशेष मिले थे। इसके बाद यह माना गया था चंद्रमोहन की कार के अंदर जलकर मौत हो गई। मामले में चंद्रमोहन की पत्नी सविता शर्मा ने कासना गांव में रहने वाले लोगों के खिलाफ पति की हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिवार का कासना में रहने वाले लोगों से मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

    सड़क हादसे में थी जांच अधिकारी की मौत

    केस के जांच अधिकारी रहे दिवंगत इंस्पेक्टर समरजीत सिंह की करीब दो वर्ष पहले इटावा में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद से पुलिस की तरफ से मामले में मजबूत पैरवी नहीं की गई।