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    नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अब कचरे से बनेगी बिजली, इस साल 15 अगस्त से शुरू होगा संयंत्र

    Updated: Tue, 21 Jan 2025 06:24 PM (IST)

    Waste to energy plant ग्रेटर नोएडा और नोएडा के घरों से निकलने वाले मिश्रित कचरे से अब बिजली पैदा की जाएगी। अस्तौली में हरा कोयला संयंत्र (टोरेफाइड चारकोल) स्थापित किया जा रहा है। संयंत्र में कचरे से हरा कोयला बनाया जाएगा फिर उससे बिजली पैदा की जाएगी। 15 अगस्त को संयंत्र चालू हो जाएगा। इससे कूड़े का पहाड़ नहीं बनेगा और पर्यावरण संरक्षित होगा।

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    Noida News: अस्तौली में स्थापित हो रहा है हरा कोयला संयंत्र। फाइल फोटो

    अवनीश मिश्र, नोएडा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा के घरों से निकलने वाले मिश्रित कचरे से अब बिजली पैदा की जाएगी। इसके लिए अस्तौली में हरा कोयला संयंत्र (टोरेफाइड चारकोल) स्थापित किया जा रहा है।

    संयंत्र में कचरे से हरा कोयला बनाया जाएगा, फिर उससे बिजली पैदा की जाएगी। संयंत्र का काम तेजी से चल रहा है। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर संयंत्र चालू हो जाएगा। इससे कूड़े का पहाड़ नहीं बनेगा और पर्यावरण संरक्षित होगा।

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    नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का संयुक्त परियोजना

    नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने - अपने क्षेत्रों में घर-घर से कूड़ा एकत्रित करता है। उसके निस्तारण में समस्या आती है। इस समस्या का दूर करने के लिए दोनों प्राधिकरण संयुक्त रूप से हरा काेयला संयंत्र परियाेजना लाई।

    इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के अस्तौली में 20 एकड़ जमीन चिह्नित की गई। नोएडा प्राधिकरण ने अपने हिस्से की जमीन की कीमत चुकाई। एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड ने संयंत्र लगाने का समझौता किया और काम शुरू कर दिया।

    नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि काम तेजी से चल रहा है। छह माह में संयंत्र बनकर तैयार हो जाएगा। 15 अगस्त को इसे चालू कर दिया जाएगा।

    गीला व सूखा दोनों कचरे का होगा निस्तारण

    नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि इस संयंत्र में गीला व सूखा दोनों तरह के कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। संयंत्र में प्रतिदिन नाै सौ टन कूड़े का निस्तारण होगा। उसमें छह सौ टन नोएडा व तीन सौ टन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के घरों से निकले वाला कूड़ा रहेगा।

    165 करोड़ की लागत

    20 एकड़ जमीन में लग रहे इस संयंत्र को लगाने में करीब 165 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उसे एनटीपीसी ही वहन करेगा। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सिर्फ जमीन दी है। इसका कार्यकाल 25 साल रहेगा।

    इस संयंत्र में एनटीपीसी कचरे से हरा कोयला बनाएगी। उससे बिजली पैदा करेगी। उस बिजली से उसका खर्च निकलेगा। जन स्वास्थ्य, नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एसपी सिंह का कहना है कि संयंत्र को छह माह में चालू कराने का लक्ष्य है। इसके चालू होने से शहर कूड़ा मुक्त हो जाएगा।

    संयंत्र की विशेषता 

    स्थान अस्तौली
    क्षेत्रफल 20 एकड़
    लागत 165 करोड़
    क्षमता नौ सौ टन प्रतिदिन
    कार्यकाल 25 साल

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