नोएडा में नहीं होगी पानी की किल्लत, गंगाजल सप्लाई के लिए बना नया प्लान; लाखों लोगों को होगा फायदा
नोएडा में अब पानी की किल्लत नहीं होगी। प्राधिकरण ने गंगाजल की आपूर्ति के लिए नई योजना बनाई है। रेनीवेल की क्षमता बढ़ाकर गंगाजल पर निर्भरता कम की जाएगी। दो सौ करोड़ रुपये से सात नए रेनीवेल बनेंगे जिससे भूगर्भ जल का उपयोग बंद होगा। 31 दिसंबर तक शहर में सरफेस वाटर से सप्लाई होगी। इससे लाखों लोगों को फायदा होगा ।

जागरण संवाददाता, नोएडा। प्रति वर्ष दशहरा-दीपावली पर गंगनहर की सफाई के दौरान शहर में गंगाजल की आपूर्ति बाधित हो जाती है। शहरवासियों को भीषण जल संकट से जूझना पड़ता है। अब प्राधिकरण ने इस समस्या के स्थायी निदान की दिशा में कदम बढ़ाया है। निर्णय लिया है कि रेनीवेल की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, दो सौ करोड़ रुपये खर्च कर सात नए रेनीवेल का निर्माण दो वर्ष में किया जाएगा।
इससे यह फायदा होगा कि गंगाजल व भूगर्भ जल दोनों से प्राधिकरण की निर्भरता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में प्राधिकरण के पास 11 रेनीवेल हैं। लंबे समय से बंद चल रहे थे। इसमें से 9 का नवीनीकरण किया जा चुका है, 122 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) जल गंगाजल के साथ मिलाकर शहर में जल आपूर्ति की जा रही है। इससे शहर में खारा पानी होने की समस्या से निजात मिल रही है।
नोएडा सेक्टर-65 स्थित खंडीय जलाशय। फोटो- जागरण आर्काइव
दो रेनीवेल का नवीनीकरण का काम चल रहा है। 31 दिसंबर तक जल विभाग शहर में सरफेस वाटर के जरिये पूरी तरह से जल आपूर्ति करने लगेगा। इससे अधिक टीडीएस वाली समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। इससे करीब लाख लोगों को सीधा फायदा होगा।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करूणेश ने बताया कि अभी तक प्राधिकरण के पास 330 एमएलडी गंगाजल है, लेकिन वह गाजियाबाद से सिर्फ 260 एमएलडी ही ले पा रहे हैं। उपलब्ध गंगाजल में 122 एमएलडी रेनीवेल का पानी मिलाकर शहर में जल विभाग की ओर से आपूर्ति की जाती है। इससे टीडीएस लेवल करीब 350 से 360 के आसपास है।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने ठोस कार्य योजना तैयार कर जल संकट से निपटने की दिशा में का शुरू किया है, इससे बोरवेल का पानी का प्रयोग जल्द बंद कर सके। इसके लिए रेनीवेल की संख्या बढ़ाने जा रहा है। सात नए रेनीवेल बनाए जाएंगे। इसमें से दो सेक्टर-135 में बनेंगे, इसकी जगह चिह्नित हो चुकी है।
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