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    युवाओं का टीचर बनने का सपना होगा पूरा, नोएडा में बढ़ेंगी डीएलएड और बीटीसी की 100 सीटें

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Tue, 13 May 2025 09:56 AM (IST)

    नोएडा में युवाओं के लिए शिक्षक बनने का सपना अब और करीब होगा। प्रदेश सरकार ने जिले के डायट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चुना है जिससे डीएलएड और बीटीसी की 100 सीटें बढ़ेंगी। नए भवन के लिए 10.50 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है जिससे छात्रों को इंटीग्रेटेड कोर्स करने में सुविधा होगी और उन्हें अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ेगा।

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    गौतमबुद्धनगर की डायट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुना है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नई शिक्षा नीति के तहत इंटीग्रेटेड कोर्स लागू होते ही जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में डीएलएड और बीटीसी कोर्स की 100 सीटें बढ़ जाएंगे। प्रदेश सरकार ने जिले गौतमबुद्धनगर की डायट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुना है। भवन के लिए 10.50 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी मिल चुकी है। अन्य जरूरी प्रक्रिया जल्द पूरी कर निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

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    यूपी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुने गए 14 जिले

    प्रदेश सरकार ने पहले चरण में 14 जिलों की डायट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुनी हैं। इसमें गौतमबुद्धनगर जनपद की दनकौर स्थित डायट भी शामिल है। डायट प्राचार्य राजसिंह यादव ने बताया सेंटर आफ एक्सीलेंस के तहत नया भवन बनाने के लिए बजट मंजूर हो गया है।

    2030 से डायट में शुरू होगा चार वर्षीय कोर्स

    नये भवन की डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है। यह तैयारी नई शिक्षा नीति के तहत की जा रही है। इसके तहत वर्ष 2030 से डायट में चार वर्षीय डायट में इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू होगा। इसके लिए नये भवन में जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ आदि की लैब भी स्थापित की जाएगी।

    डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाने का प्रस्ताव है। कंप्यूटर की लैब होगी। वर्तमान में डायट में बीटीसी और डीएलएड की 50-50 सीटें हैं। नया भवन बनने के बाद दो गुना कक्ष और सुविधाएं हो जाएंगे। ऐसे में बीटीसी और डीएलएड की 50-50 सीटें बढ़वाने के लिए भवन निर्माण पूरा होते ही प्रस्ताव भेज देंगे।

    सीटें बढ़ने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। सीटें बढ़ने से जिले के छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियतें मिलेंगी। उन्हें अन्य जिलों से इंटीग्रेटेड कोर्स करने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।