नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक की तीन परियोजनाओं को को-डेवलपर से पूरा कराने के प्रस्ताव को दी मंजूरी
नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक की तीन रुकी हुई परियोजनाओं को सह-विकासकर्ता के माध्यम से पूरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है हालांकि अंतिम निर्णय उच्च न्यायालय के अधीन है। एपेक्स समूह ने को-डेवलपर बनने का प्रस्ताव दिया है लेकिन पहले एनबीसीसी को नियुक्त किया गया था जिस पर न्यायालय ने रोक लगा दी। अंतिम फैसला उच्च न्यायालय में लंबित है जिसकी सुनवाई अगस्त में होगी।

जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा में सुपरटेक की तीन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए को-डेवलपर से पूरा कराने के प्रस्ताव को प्राधिकरण ने मंजूरी दी है। शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है। को-डेवलपर के रूप में नियुक्ति के रूप में यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। अगस्त में इस मामले पर सुनवाई भी है।
बता दें शनिवार को नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई। इसमें सेक्टर-118 के जीएस-01, सेक्टर-74 की जीएम-01 और सेक्टर-137 के जीएम-03 में बनी परियोजनाओं को को-डेवलपर से पूरा कराने की मंजूरी दी है। इन भूखंड पर सुपरटेक की रोमाना, केपटाउन और इकोसिटी परियोजनाएं बनीं हुईं हैं।
सुपरटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए को-डेवलपर के रूप में एपेक्स ने नोएडा प्राधिकरण में प्रस्ताव दिया। एपेक्स के इस प्रस्ताव को नोएडा प्राधिकरण की ओर से मंजूरी दे दी गई है। सुपरटेक के परियोजनाओं को पूरा करने के लिए को-डेवलपर के रूप में अंतिम फैसला उच्च न्यायायल से होगा।
एनबीसीसी पर लिया था स्टे
सुपरटेक की 16 परियोजनाओं में हजारों की संख्या में खरीदार और निवेशक फंसे हुए हैं। एपेक्स ने को-डेवलपर के रूप में मंजूरी देने के लिए न्यायालय में प्रस्ताव दिया। उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष एनबीसीसी को को-डेवलपर के रूप में नियुक्त किया था। एनबीसीसी की मंजूरी पर न्यायालय से स्टे मिल गया। अब इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त में होगी। उच्च न्यायालय से ही को-डेवलपर के रूप में किसी को नियक्त किया जा सकता है।

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