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    सिपाही हत्याकांड: आमद को लेकर आपस में उलझी नोएडा-गाजियाबाद पुलिस, जानिए दबिश को लेकर क्या है नियम

    नोएडा के गढ़ी गांव में हुई कार चोरी के आरोपी कादिर उर्फ मंटा को पकड़ने गई नोएडा पुलिस टीम पर गाजियाबाद के नाहल गांव में हमला हुआ। इस घटना में सिपाही सौरभ की गोली लगने से मौत हो गई। फेज तीन थाना पुलिस का कहना है कि उन्होंने गाजियाबाद पुलिस को सूचना दी थी जबकि गाजियाबाद पुलिस ने इससे इनकार किया है।

    By Munish Kumar Sharma Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 27 May 2025 09:48 AM (IST)
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    Noida News: सिपाही सौरभ की फाइल फोटो। सौजन्य- जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा के गढ़ी गांव में दो मई की रात विकास की कार का शीशा तोड़कर म्यूजिक सिस्टम व ईसीएम चोरी मामले में गाजियाबाद के नाहल गांव का कादिर उर्फ मंटा आरोपित था। उसको पकड़ने के लिए रविवार रात सेंट्रल नोएडा जोन के फेज तीन थाना पुलिस की सात सदस्यीय टीम एक कार व एक बाइक से गांव गई थी। वहां पर कादिर को पकड़ने के दौरान गोली लगने से आरक्षी सौरभ की मौत हो गई थी।

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    नाहल पहुंची थी फेज तीन थाना पुलिस की टीम

    फेज तीन थाना पुलिस का कहना है कि गाजियाबाद पुलिस को मौखिक सूचना दी थी। उधर, गाजियाबाद पुलिस ने कोई भी आमद दर्ज होने से इनकार किया है।

    पुलिस के मुताबिक फेज तीन थाना पुलिस को मुखबिर की सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र से कार का शीशा तोड़कर सामान चोरी करने वाला आरोपित नाहल गांव में है। उसको पकड़ने के लिए सात सदस्यीय टीम ने उपनिरिक्षक सचिन राठी के नेतृत्व में फेज तीन थाने में रविवार रात दस बजे रवानगी दर्ज कराकर गाजियाबाद के लिए निकली थी।

    उधर, आमद को लेकर गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि नोएडा पुलिस ने आने की सूचना नहीं दी थी। सूचना मिली होती तो मसूरी थाने की पुलिस साथ में जाती। रात नोएडा पुलिस के सात जवान एक एक बाइक और एक कार से आए थे। सभी बिना वर्दी के थे।

    क्या है दबिश का नियम?

    सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि किसी भी पुलिस को अपने जिले के बाहर दबिश देने के लिए संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक से अनुमति लेनी होती है जबकि दूसरे राज्य के संबंध में डीजी को अवगत कराना होता है। इसके लिए थाने में रवानगी व संबंधित थाने में आमद दर्ज करानी पड़ती है।

    दबिश का मुख्य उद्देश्य अपराध से संबंधित किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना, साक्ष्य व सामान को बरामद करना होता है। उधर, नियम व शर्ताें की गहराई में जाएं तो पुलिस किसी भी घर में सूर्यास्त के बाद प्रवेश नहीं कर सकती है, जब तक कि कोई विशिष्ट कानूनी कारण न हो। जैसे कि गंभीर अपराध या अन्य आपात स्थिति हो। इसके लिए या विशेष स्थिति के लिए सक्षम न्यायालय से वारंट लिया जा सकता है।

    मुकदमे दर्ज, हिस्ट्रीशीटर व गैंगस्टर

    पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कादिर उर्फ मंटा गाजियाबाद के मसूरी थाने का हिस्ट्रीशीटर व गैंगस्टर अपराधी है। उस पर लूट, चोरी, आर्म्स एक्ट समेत गाजियाबाद(मसूरी व कविनगर) में 10, मुजफ्फरनगर में सात व गौतमबुद्ध नगर में पांच मुकदमे दर्ज हैं।

    पांच साल पहले हुई थी शादी

    सौरभ 2016 में पुलिस में आरक्षी भर्ती हुआ था। अभी तक उसकी गौतमबुद्ध नगर में ही तैनाती रही थी। उसकी 2020 में शादी हुई थी। उसके कोई बच्चा नहीं था।