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    Noida Crime: नाइजीरियन गिरोह को बैंक खाता मुहैया कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, फैला रखा था ठगी का कारोबार

    By MOHD BilalEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 04 Feb 2023 07:27 PM (IST)

    Noida Crime News सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शनिवार को नाइजीरियन गिरोह को किराये और कमीशन पर बैंक खाते मुहैया कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर ...और पढ़ें

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    नाइजीरियन गिरोह को बैंक खाता मुहैया कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, फैला रखा था ठगी का कारोबार

    नोएडा, जागरण संवाददाता। सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शनिवार को नाइजीरियन गिरोह को किराये और कमीशन पर बैंक खाते मुहैया कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना समेत सात जालसाजों को नोएडा, दिल्ली और बदायूं से गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान बदायूं के सरगना जाबिर खान उर्फ जैकी, राजू सिंह उर्फ मच्छू, प्रशांत सिंह, इटावा के देवव्रत प्रताप सिंह, नालंदा (बिहार) के राहुल कुमार शर्मा, आरा के दीपक कुमार गुप्ता और समस्तीपुर सुमंत कुमार के रूप में हुई है।

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    पुलिस ने आरोपितों के पास से 107 आधार कार्ड, बैंक पासबुक, दो लैपटाप, दो सीपीयू, पांच फिंगर प्रिंट मशीन, थंब इंप्रेशन मशीन, रेटिना स्कैनर मशीन, आठ मोबाइल और आधार कार्ड स्कैनर बरामद किया है। आरोपितों के द्वारा 500 बैंक खाते नाइजीरियन गिरोह को उपलब्ध कराए हैं। जिसमें नाइजीरियन गिरोह द्वारा ठगी के करीब 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं।

    खातों में मंगवाते ठगी की रकम

    थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि एनसीआर और बदायूं में छापेमारी कर सात जालसाजों को गिरफ्तार किया है। नाइजीरियन गिरोह इन्हीं खातों में ठगी की रकम को मंगवाते थे। पुलिस आरोपितों से फर्जी आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

    साइबर ठगी करने के लिए करते थे ऐसा काम

    आरोपित साइबर ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह को बैंक खाते और सिम कार्ड मुहैया कराते थे। फिर नाइजीरिया के ठग मुहैया कराए गए सिम कार्ड से लोगों से संपर्क करते संबंधित बैंक खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर कराते थे। गिरोह को एक खाता मुहैया कराने के एवज में आरोपित 20 हजार रुपये लेते थे। सिम कार्ड की कीमत भी अलग से लेते थे।

    आरोपितों ने कुछ ऐसे लोगों से भी बैंक खाते लिए, जिन्हें पैसे की जरूरत थी। उन्हें भी पांच से दस हजार रुपये दिए जाते थे। आरोपित ठगी की रकम को संबंधित बैंक खातों से निकालने के बाद नाइजीरियन ठगों को मुहैया कराते थे। इसके एवज में रकम का आठ प्रतिशत कमीशन लेते थे।

    आरोपित बैंक खातों से रुपये निकालने के बाद दिल्ली के आइएनए, खानपुर और महरौली में सक्रिय नाइजीरियन ठगों को देते थे। गिरोह में नाइजीरियन जैक उर्फ आकालेण्डी, जॉन उर्फ उच्चे गेडियन और मैक उर्फ माइकल ठग शामिल है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। जल्द सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। पिछले वर्ष 27 अगस्त को इस गिरोह में शामिल सदस्य सदस्य चिबुजो क्रिस्टीन को गिरफ्तार किया था।

    आधार कार्ड पर पता बदलकर खुलवाते थे खाते

    गिरोह का सरगना बदायूं का जाबिर नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों को नोएडा बुलाता था। यहां नौकरी के इच्छुक लोगों से उनके आधार कार्ड ले लिए जाते। फिर उन आधार कार्ड पर फर्जी पता दिल्ली-एनसीआर का बदल दिया जाता था। आधार कार्ड पर दिल्ली एनसीआर का पता गुप्ता दस्तावेज सेंटर सीआरपीएफ कैंप के पास मयूर विहार फेज-3 दिल्ली से बदलते थे। फिर उस आधार कार्ड की आइडी से बैंक में खाता खुलवाने के साथ नया सिम लेते थे। जाबिर ने गिरोह में अन्य लोगों को शामिल किया। यह गिरोह पिछले कई वर्षों से ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह में शामिल हैं।

    फेसबुक पर दोस्ती के बाद करते हैं ठगी

    नाइजीरियन गिरोह के सदस्यों द्वारा फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर भारतीय पुरुषों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे दोस्ती कर, महंगे गिफ्ट व विदेशी करेंसी भेजने का लालच दिया जाता है। इसके लिए जालसाझ फर्जी पार्सल स्लिप व अन्य बिल बनाकर झांसे में लेते हैं। फिर एयरपोर्ट पर पकड़े जाने की बात बताकर कस्टम ड्यूटी, आरबीआई एक्सचेंज, जीएसटी क्लीयरेंस के नाम पर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये विभिन्न बैंक खातों में जमा करा लिए जाते है।

    सेवानिवृत आईपीएस से की थी ठगी

    नाइजीरियन गिरोह सेवानिवृत आइपीएस राम प्रताप सिंह से भी ठगी कर चुके हैं। पिछले वर्ष 22 जून को जीनथ नामक ब्रिटिश महिला द्वारा फेसबुक के माध्यम से दोस्ती कर 1.5 करोड़ रुपये की करेंसी के साथ लखनऊ आने व एयरपोर्ट पर पकड़े जाने की बात बताकर कस्टम अधिकारी से 8.17 लाख रुपये की ठगी की थी।