Bulldozer Action: अवैध कॉलोनियों पर चला YEIDA का बुलडोजर, 2500 करोड़ की जमीन कराई मुक्त
यमुना प्राधिकरण ने बुलंदशहर के झाझर और ककोड़ में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जिससे 2500 करोड़ रुपये की जमीन मुक्त हुई। यीडा क्षेत्र में बढ़ रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया। प्राधिकरण ने एरोनेस्ट कॉलोनाइजर श्री राधा गौरी एन्क्लेव और रुद्र प्रॉपर्टीज की अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया। कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी और YEIDA ने पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का अनुरोध किया है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। प्राधिकरण की टीम ने मंगलवार को बुलंदशहर जिले के अधिसूचित क्षेत्र झाझर और ककोड़ में कार्रवाई करते हुए अवैध कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया। प्राधिकरण अधिकारियों ने कार्रवाई में 2500 करोड़ रुपये की जमीन मुक्त कराने का दावा किया है।
यीडा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। गौतमबुद्ध नगर से लेकर बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तक के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। प्राधिकरण की टीम ने हाल ही में जेवर क्षेत्र में नोएडा एयरपोर्ट के आसपास कार्रवाई कर अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया था।
मंगलवार को ओएसडी शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस के सहयोग से झाझर और ककोड़ में कार्रवाई की गई। अवैध कॉलोनी में बनी इमारतों को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। प्राधिकरण की टीम ने झाझर में एरोनेस्ट कॉलोनाइजर, ककोड़ में श्री राधा गौरी एन्क्लेव और रुद्र प्रॉपर्टीज की अवैध कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई की है।
कॉलोनाइजर लोगों को धोखे में रखकर और उनसे अवैध कॉलोनियों में निवेश करवाकर उनकी जीवन भर की कमाई हड़प रहे हैं। ओएसडी का कहना है कि कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
YEIDA ने अतिक्रमण रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की मांग
YEIDA ने उपनिरीक्षक के चार और कांस्टेबल के 12 पद स्वीकृत किए हैं, जबकि इसके सापेक्ष YEIDA में केवल एक उपनिरीक्षक और एक कांस्टेबल की नियुक्ति हुई है। सीईओ ने पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर स्वीकृत पदों पर पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का अनुरोध किया है।
वहीं, अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए 85वीं बोर्ड बैठक में सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक के पद के तीन अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था, जिनमें से एक की नियुक्ति हो चुकी है। इसके बावजूद कॉलोनाइजरों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
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