ग्रेटर नोएडा में खतरे के निशान के करीब पहुंचा यमुना का जलस्तर, हथनी कुंड से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
ग्रेटर नोएडा में हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है जो खतरे के निशान के करीब है। जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविरों में भोजन चिकित्सा और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। हथनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। बुधवार शाम को भी एक लाख 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके कल शाम तक आने की संभावना है। इधर, तीन दिनों से ग्रेटर नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को जिला प्रशासन की जारी बाढ़ बुलेटिन में जलस्तर खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है।
बुलेटिन के मुताबिक, यमुना और हिंडन नदियों के जलस्तर की स्थिति सामान्य बनी हुई है, लेकिन बाढ़ का प्रभाव कुछ क्षेत्रों में अधिक देखा जा रहा है। बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर 200.20 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 200.60 मीटर से मात्र 0.40 मीटर नीचे है।
वहीं, हरनंदी का जलस्तर गाजियाबाद में 200 मीटर दर्ज हुआ, जो चेतावनी और खतरे के निशान 205.08 मीटर से 5.08 मीटर नीचे है। हालांकि बुधवार शाम सात बजे हथनी कुंड बैराज से 178180 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बृहस्पितवार शाम जलस्तर में और इजाफा होने की संभावना है।
दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा के लतीफपुर गांव में बुधवार को यमुना का पानी प्रवेश कर गया। झुप्पा गांव के पास भी जिला प्रशासन की टीम ने बुधवार को 150 परिवारों को नदी क्षेत्र से बाहर निकाल कर सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
पिछले तीन दिनों से यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सोमवार शाम से यमुना नदी के किनारे बने फार्म हाउस में रहने वाले करीब पांच हजार लोगों को जिला प्रशासन की टीम सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। करीब दो हजार पशुओं को भी रेस्क्यू किया गया है।
शरणालय, खानपान व मेडिकल की सुविधाएं शुरू
एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन की टीम बाढ़ नियंत्रण के साथ प्रभावितों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में जुटा हुआ है। इन शरणालयों में सुबह का चाय, नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
बाढ़ प्रभावितों के लिए मेडिकल सुविधाएं भी शुरू की गई है। जिसमें बाढ़ प्रभावितों के स्वास्थ्य जांच की निश्शुल्क सुविधा दी जा रही है। सीएमओ ने छह रैपिड रिस्पांस टीमें गठित की हैं और बाढ़ नियंत्रण कक्ष में शिफ्टवार ड्यूटी लगाई है। पर्याप्त मात्रा में एंटी-स्नेक वेनम सहित आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ कंट्रोल रूम भी किया सक्रिय
एडीएम वित्त अतुल कुमार का कहना है कि जनपद में बाढ़ नियंत्रण कक्ष व हेल्पलाइन नंबर भी (दूरभाष: 0120-2978231/32/33) जारी किया गया है। कंट्रोल रूम में तीन शिफ्टों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
300 राहत किट किया वितरित
बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर को सक्रिय करने के साथ राहत किट भी वितरित की जा रही है। दादरी तहसील में 100 और सदर तहसील में 200 राहत किट वितरित की गई हैं।
19 बाढ़ चौकी से निगरानी
जनपद में 19 बाढ़ चौकियाें से जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। जिसमें तहसील सदर में 6, दादरी में 08, जेवर में 05) और 15 शरणालय (दादरी में 08, सदर में 06, जेवर में 01) स्थापित हैं। इन शरणालयों में पेयजल, साफ-सफाई, खान-पान और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर और शरणालय स्थापित किए जाएंगे।
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