Yamuna Authority ने बनाया खास प्लान, 950 हेक्टेयर जमीन में विकसित होगा औद्योगिक शहर; किसानों को होगा फायदा
यमुना प्राधिकरण हाथरस में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए योजना बना रहा है। कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिसमें डेयरी और कपड़ा उद् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। हाथरस में उद्योगों के विकास के लिए यमुना प्राधिकरण ने खाका खींचना शुरू कर दिया है। इलाके में उद्योगों को प्राथमिकता तय की जा रही है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही कपड़ा और पीतल उद्योग भी हाथरस में विकसित होने वाले यीडा के औद्योगिक नगर का हिस्सा होंगे।
यमुना प्राधिकरण में छह जिले अधिसूचित हैं। इसमें गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस और आगरा शामिल हैं। हाथरस को छोड़कर अन्य पांच जिलों में मास्टर प्लान तैयार हो चुका है।
मथुरा में हेरिटेज सिटी और अलीगढ़ में लॉजिस्टिक पार्क
फेज एक में शामिल गौतमबुद्ध नगर व बुलंदशहर में विकास परियोजनाओं पर काम हो रहा है। फेज दो में शामिल अलीगढ़ के टप्पल में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और मथुरा में हेरिटेज सिटी के विकास का काम भी शुरुआती दौर में है।
आगरा का मास्टर तैयार हो चुका है, लेकिन अभी तक हाथरस में यीडा अधिासूचित क्षेत्र में कोई गतिविधि शुरू नहीं हुई है। हाथरस में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्राधिकरण मास्टर प्लान तैयार कराने जा रहा है। इसके लिए जल्द ही रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) निकालकर कंपनी का चयन होगा। 950 हेक्टेयर में हाथरस का औद्योगिक शहर विकसित होगा। प्राधिकरण ने हाथरस के लिए उद्योगों की प्राथमिकता भी तय करना शुरू कर दी हैं।
कृषि एवं डेरी उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि हाथरस कृषि प्रधान जिला है। इसलिए कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि एवं डेरी उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। कपड़ा और पीतल उद्योग भी स्थापित किया जाएंगे। अलीगढ़ व हाथरस क्षेत्र में पीतल उद्योग का लगातार विस्तार हो रहा है। इन उद्योगों से कारोबारियों को साथ किसानों को भी फायदा होगा। किसानों को उपज का अच्छा मूल्य मिलेगा।

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