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    यमुना प्राधिकरण का जेपी इंफ्राटेक मुआवजे का आकलन, किसानों को अतिरिक्त पैसा देने की तैयारी

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 06:27 PM (IST)

    यमुना प्राधिकरण जेपी इंफ्राटेक के भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को दिए गए अतिरिक्त मुआवजे का आकलन कर रहा है। प्राधिकरण ने एनसीएलटी में 1689 करोड़ का दावा पेश किया था जिसमें से 1335 करोड़ स्वीकृत हुए। यीडा अब तक वितरित मुआवजे की गणना कर रहा है ताकि यह पता चल सके कि मुआवजा वितरण के लिए और कितनी राशि की आवश्यकता है।

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    किसानों को मुआवजा वितरण के लिए 355 करोड़ पर फंसा है पेच। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण जेपी इंफ्राटेक के लिए हुए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को वितरित हो चुके 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का आंकलन करा रहा है। किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एनसीएलटी में 1689 करोड़ का दावा पेश किया था, लेकिन एनसीएलटी ने दस लाख रुपये का दावा स्वीकार किया था।

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    इसके खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए एनसीएलएटी ने जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर चुकी कंपनी सुरक्षा रियलटी को आदेश दिए था कि वह यीडा को चार साल की पांच किस्तों में 1335 करोड़ का भुगतान करे।

    इसके खिलाफ यीडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, अभी यह मामला विचाराधीन है। सुरक्षा रियलटी को जेपी इंफ्राटेक की नोएडा, मिर्जापुर व आगरा की आवासीय परियोजना को पूरा कर 20 हजार खरीदारों को भी कब्जा देना है।

    गौतमबुद्ध नगर से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे और लैंडफार डेवलपमेंट की 2500 हे. जमीन के अधिग्रहण से तकरीबन 10 हजार किसान प्रभावित हैं। इन किसानों की 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की मांग लंबे समय से चल रही है।

    यीडा ने इन किसानों को मुआवजा राशि के वितरण के लिए ही एनसीएलटी में जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के समय सुरक्षा रियलटी से 1689 करोड़ का दावा पेश किया था। लेकिन 1335 करोड़ रुपये का दावा स्वीकार होने के बावजूद यीडा को सभी प्रभावित किसानों को अतिरिक्त मुआवजा वितरण के लिए 355 करोड़ रुपये और चाहिए।

    यीडा ने यह राशि अपने स्रोत से भुगतान करने पर सहमति देते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर शासन में फैसला नहीं हो पाया है। यीडा भी गणना कर रहा है कि जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को अब तक कितना मुआवजा बांटा जा चुका है।

    इससे स्थिति स्पष्ट होगी कि सुरक्षा रियलटी से मिलने वाले 1335 करोड़ के सापेक्ष किसानों को मुआवजा वितरण के लिए कितनी और रकम की जरूरत होगी। इसके बाद ही सुरक्षा रियलटी और यीडा के शासन में लंबित प्रस्ताव पर फैसला होना संभव है।

    यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को वितरित हो चुके मुआवजे की गणना की जा रही है। इसके बाद साफ होगा कि किसानों को मुआवजा राशि वितरण के लिए सुरक्षा रियलटी से मिलने वाली रकम के अलावा कितनी और शेष रकम की जरूरत है। इसे कैसे जुटाया जाएगा।

    यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी

    जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने के बाद सुरक्षा रियलटी यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही है। इसके साथ ही अधूरी आवासीय परियोजना का काम भी पूरा कराया जा रहा है। इससे घर खरीदारों को उनका हक मिल सकेगा।