ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी-पटरी से छुटकारा दिलाने की तैयारी, दो वेंडिंग जोन और दो ट्रक वे का होगा निर्माण
ग्रेटर नोएडा में यूपीसीडा दो वेंडिंग जोन और दो ट्रक वे बनाने जा रहा है जिसका निर्माण 15 जुलाई से शुरू होगा। इससे सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ी-पटरी से निजात मिलेगी और सड़कों पर वाहनों के खड़े होने की समस्या दूर होगी। औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले कामगारों और व्यापारियों के लिए यह सुविधा महत्वपूर्ण होगी। वेंडिंग जोन में छोटे व्यापारियों को जगह दी जाएगी।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के क्षेत्र में दो वेंडिंग जोन व दो ट्रक वे बनाए जाएंगे। इनके निर्माण के लिए कंपनी चयन हो चुका है। 15 जुलाई से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वेंडिंग जोन बनने के बाद यूपीसीडा क्षेत्र में सड़क किनारे लगने वाली रहेड़ी पटरी से राहत मिलेगी। इसके साथ ही ट्रक वे बनने से सड़कों पर वाहनों के खड़ा हाेने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
गौतमबुद्ध नगर में यूपीसीडा की औद्योगिक साइट ए, बी व सी के अलावा साइट चार व पांच हैं। इसमें तकरीबन पांच हजार औद्योगिक इकाईयां हैं। इनमें हजारों कामगार कार्य रत है। कामगारों के खाने पीने के लिए सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगती हैं। इससे सड़क पर अतिक्रमण के कारण आवाजाही प्रभावित होती है।
समाधान के लिए यूपीसीडा वेंडर जोन व ट्रक वे बनाने जा रहा
औद्योगिक इकाईयों में माल लाने ले जाने वाले ट्रकों के भी सड़कों पर खड़े होने के कारण अव्यवस्था रहती है। इसके समाधान के लिए यूपीसीडा वेंडर जोन व ट्रक वे बनाने जा रहा है। मुख्यालय से प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कंपनी का चयन कर लिया गया है।
यूपीसीडा के वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल) एनके जैन का कहना है कि औद्योगिक साइट 4, साइट 5, साइट सी, साइट बी यूपीसीडा के अंतर्गत यातायात समस्या, रेहड़ी पटरी के कारण होने वाली अव्यवस्था के समाधान के लिए ट्रक वे व वेंडिंग जोन बनाने का फैसला हुआ है।
ठेली पटरी वालों का व्यापार प्रभावित नहीं होगा। उन्हें पास देकर वेडिंग जोन में जगह दी जाएगी। यूपीसीडा ने छोटे व्यापारियों को हितों को देखते हुए वेंडर जोन विकसित करने का निर्णय लिया है, जहां रेहड़ी-पटरी विक्रेता नियमित और सुरक्षित स्थानों पर अपना व्यवसाय कर सकेंगे। उन्हें स्थायी ढांचा मिलेगा और सड़कों पर भी अव्यवस्था नहीं होगी।
80 ट्रकों की होगी पार्किंग
माल रखने व उतारने के लिए ट्रक वे लेन बनाई जाएगी, जहां एक साथ 40-40 ट्रकों की पार्किंग संभव होगी। अभी तक चालक औद्योगिक इकाइयों के बाहर ही वाहन खड़ा कर देते थे, जिससे जाम और दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती थी। ट्रक वे बनने से यह समस्या दूर होगी।
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